छत्तीसगढ़

नेहरू ने गलती नहीं ब्लंडर किए, अमित शाह ने गिनाईं कश्मीर पर पूर्व PM की दो भूलें तो मचा हंगामा

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संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक और आरक्षण संशोधन विधेयक को बुधवार को होम मिनिस्टर अमित शाह ने पेश किया। इस दौरान जोरदार बहस हुई और हंगामेदार माहौल देखने को मिला। अमित शाह ने बिल पेश करते हुए पिछड़ों, कश्मीरी पंडितों और विस्थापितों को अधिकार और आरक्षण की बात कही। इसके अलावा अपने भाषण में कई बार उन्होंने पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू का भी जिक्र किया। अमित शाह ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने कश्मीर के मसले पर गलतियां नहीं बल्कि ब्लंडर किए थे।

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उन्होंने कहा कि पहली गलती यह थी कि 1947 में जब हमारी सेना जीत रही थी तो सीजफायर कर दिया गया। ऐसा नहीं होता तो पीओके आज भारत का ही हिस्सा रहता। इस दौरान जब विपक्ष के सांसद हंगामा करने लगे तो उन्होंने कहा कि ये लोग तो एक ही गलती पर बिफर गए। उन्होंने कहा कि दूसरी गलती यह थी कि जम्मू-कश्मीर के मसले को वह संयुक्त राष्ट्र में ले गए। यही नहीं उन्होंने नेहरू की ओर से शेख अब्दुल्ला को लिखे एक खत का अंश भी पढ़ा, जिसमें नेहरू ने यूएन जाने और सीजफायर करने को गलती माना था।

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नेहरू के पत्र का अंश पढ़ते हुए अमित शाह ने कहा, ‘मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि संयुक्त राष्ट्र से कुछ मदद नहीं मिलेगी। सीजफायर सही फैसला था, लेकिन मुझे लगता है कि इसे गलत समय पर लागू किया गया था। इसकी बजाय कुछ और फैसला लेना चाहिए था।’ अमित शाह ने कहा कि शेख अब्दुल्ला को लिखे पत्र में ही नेहरू ने यह मान लिया था कि ये उनकी गलतियां थी। इस पर जब खूब हंगामा हुआ तो अमित शाह ने कहा कि यदि आपको गुस्सा ही होना है तो नेहरू जी पर हों। यह बात मैंने नहीं कही बल्कि उन्होंने ही अब्दुल्ला को पत्र लिखकर कहा था। अमित शाह ने कहा कि उन्होंने माना था कि यह गलती थी, लेकिन यह भूल नहीं ब्लंडर था।

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अमित शाह ने कहा कि उस वक्त जब यूएन में मामला भेजना था, तब भी जल्दी की गई। यदि ले ही गए तो चार्टर 35 की जगह 51 के तहत ले जाना था। कुछ लोगों को मेरी भाषा खराब लगती है, लेकिन मैं तो देश की ही भाषा बोलता हूं। अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग तो आर्टिकल 370 हटाने पर खून की नदियां बहाने की बात करते थे। लेकिन हमने आतंकवाद के ईको-सिस्टम पर ही हमला किया है।

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