छत्तीसगढ़

वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही-कानन पेंडारी जू में
1 साल पहले जन्मी बाघिन रंभा के मादा शावक रश्मि की मौत

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(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर :   कानन पेंडारी जूलॉजीकल पार्क में साल भर पहले जन्मी बाघिन ‘रंभा’ के मादा शावक रश्मि की मौत हो गई। अचानक शावक की मौत से जू प्रबंधन और अफसर सकते में आ गए हैं। वन अफसरों ने दावा किया है कि बाघिन चार दिन से बीमार थी और उसका यूरिन आना बंद हो गया था।

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कानन पेंडारी जू की बाघिन रश्मि की तबीयत पिछले एक सप्ताह से खराब चल रही थी। चार दिन पहले जब उसकी हालत गंभीर हो गई और उसका यूरिन आना बंद हुआ तब विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी दी गई। साथ ही जू अथॉरिटी आफ इंडिया को भी सूचना दी गई। बताया गया कि बीमार बाघिन की किडनी फेल हो गई थी।

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पिछले चार दिन से वन्य प्राणी चिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे। लेकिन, उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी। पानी भरने से पेट फूल गया था, वहीं यूरिन भी नहीं हो रहा था। इस दौरान बाघिन के इलाज के लिए दूसरे जू के चिकित्सकों से भी सुझाव लिया जा रहा था।

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मंगलवार को बाघिन की हालत गंभीर हो गई और दोपहर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद प्रबंधन को इसकी जानकारी दी गई। खबर मिलते ही विभाग अफसर कानन जू पहुंचे। इसके बाद डॉक्टरों की निगरानी में उसका पोस्टमॉर्टम किया गया और फिर देर शाम उसकी अंत्येष्टि की गई।

देखरेख में लापरवाही का संदेह

कानन जू में अल्प वयस्क बाघिन की मौत से अब प्रबंधन की व्यवस्था पर सवाल उठने लगा है। अप्रैल में हुए बाघिन के चार शावक पैदा हुए थे, जिसमें से अब दो की मौत हो चुकी है। दो माह पहले ही शावक मितान भी बीमार हो गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। ऐसे में वन्य जीव प्रेमियों का मानना है कि कानन जू में वन्य प्राणी विशेषज्ञों की कमी है और सही तरीके से देखरेख करने वाला नहीं है, जिसके कारण लगातार यहां वन्य प्राणियों की मौत हो रही है। ऐसी स्थिति में राज्य शासन और जू अथारिटी ऑफ इंडिया को ध्यान देना चाहिए।

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