देश

बहुत सारी मौतें हो रही हैं, मान के खिलाफ केस दर्ज करा सकता हूँ- पंजाब के राज्यपाल

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : पंजाब में राज्यपाल बनाम आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के बीच छिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शुक्रवार को कहा कि अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनके पत्रों में उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दिया तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और आपराधिक कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि यह सरकार को उनकी अंतिम चेतावनी है। सीएम को उनके सवालों का जवाब देना चाहिए।

Advertisement
Advertisement

पंजाब में हर पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदी- राज्यपाल

Advertisement

द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में राज्यपाल पुरोहित ने शनिवार को कहा, “मैं उन्हें समय दूंगा। शायद एक महीना, शायद उससे भी कम। मेरे सारे विकल्प खुले हैं। मैं उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 124 के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर सकता हूं। इस (धारा के) तहत राज्यपाल पर रौब जमाने की कोशिश करने के लिए सीएम या किसी अन्य पर मामला दर्ज किया जा सकता है।”

Advertisement

उन्होंने आगे कहा, “मैं राष्ट्रपति को भी (पत्र) लिख सकता हूं। राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह विफल हो गया है। कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर है। मुझे हर दिन अनगिनत शिकायतें मिलती हैं। नशीली दवाओं से संबंधित बहुत सारी मौतें होती हैं। पंजाब में हर पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदी है।”

राज्यपाल ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति नाजुक है। विश्वविद्यालय के शिक्षक मुझे बताते हैं कि उन्हें महीनों से वेतन नहीं मिला है। सरकार का कर्ज भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा, “सीएम साहब (मान) कहते हैं कि वह केवल उन 3.5 करोड़ लोगों के प्रति जवाबदेह हैं जिन्होंने उन्हें चुना है। लेकिन संवैधानिक रूप से, यह उनका कर्तव्य है कि वह मुझे समझाएं कि वह क्या कर रहा है।”

“राज्यपाल चाहें तो सीएम से कोई भी सवाल पूछ सकते हैं”

राज्य सरकार से अपनी नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं एक अनुशासित व्यक्ति हूं। मैं तीन कार्यकाल तक संसद में रहा। मैं दो बार विधायक, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और फिर चार साल तक मेघालय और तमिलनाडु में राज्यपाल रहा। मैं यहां (पंजाब में) दो साल से हूं। राज्यपाल राज्य का कार्यकारी प्रमुख है और यह देखना उसकी जिम्मेदारी है कि राज्य को संविधान के अनुसार चलाया जा रहा है या नहीं। यह पूरी तरह से पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और ईमानदार होना चाहिए। बाबा साहेब अम्बेडकर ने हमें अनुच्छेद 167 दिया है, जो राज्यपाल को अधिकार देता है। राज्यपाल चाहें तो सीएम से कोई भी सवाल पूछ सकते हैं। मुख्यमंत्री जवाब देने के लिए बाध्य हैं। उनके पास कोई विकल्प नहीं है।”

उन्होंने कहा, “पिछली बार जब हमारे पास यह मुद्दा आया था, तो सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने सीएम से सभ्य भाषा का इस्तेमाल करने और मेरे सवालों का जवाब देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने मुझे सलाह दी कि कोई भी फाइल लंबित नहीं रखी जानी चाहिए। लेकिन इसके बाद उन्होंने (मान ने) मेरी अनुमति के बिना विधानसभा बुला ली। उन्होंने (सरकार ने) बजट पारित करने के बाद विधानसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करके एक छोटा रास्ता अपनाया। वे मुझे बायपास करना चाहते थे।”

मेरे लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया – राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा, “जब उन्होंने मानसून सत्र बुलाया तो मैंने पूछा कि एजेंडा क्या है। उन्होंने एक पत्र भेजकर कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (एजेंडे पर) फैसला करेगी। मैंने उनसे कहा कि यह गैरकानूनी है। लेकिन सत्र बुलाया गया और एक के बाद एक चार विधेयक बिना पेश किए या बिना किसी चर्चा के पारित कर दिए गए। मैंने कानूनी सलाह ली और पाया कि सत्र अवैध था।” पंजाब सरकार को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में बात करते हुए राज्यपाल ने कहा, “जब उन्होंने (मान ने) सदन में मेरा जिक्र करते हुए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया तो मुझे बहुत दुख हुआ। उन्होंने कहा: “कहां से आया है, नागपुर से आया है? महाराष्ट्र से आया है या नागालैंड से? कुछ भी लिखता है, लव लेटर लिखे हैं।” उन्होंने (मान ने) बहुत सी बातें कहीं, “बैठा रहता है, वेला है। बहुत गंदी बातें बोलता है।”

राज्यपाल की धमकी के आगे नहीं झुकुंगा: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की ‘‘धमकी’’ देने के लिए शनिवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित पर निशाना साधा और पूछा कि भाजपा शासित राज्यों में राज्यपाल कानून-व्यवस्था की स्थिति पर ‘‘चुप’’ क्यों हैं। मान ने कहा कि ‘‘चयनित’’ राज्यपाल के पास लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को ‘‘धमकाने’’ का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वह ‘‘झुकने वाले नहीं हैं।’’

मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राज्यपाल दिल्ली, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में गैर-भाजपा सरकारों के कामकाज में बाधाएं पैदा करने के लिए केंद्र सरकार की ‘‘कठपुतली’’ के रूप में काम कर रहे हैं और ऐसी बातें देश के संघीय ढांचे के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं। मान ने कहा, ‘‘(अनुच्छेद) 356 के कारण पंजाब अतीत में सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इसलिए, हमारे घावों पर नमक मत छिड़किए… राज्यपाल साहब, पंजाबियों के धैर्य और भावनाओं की परीक्षा लेने की कोशिश मत कीजिए।’’

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button