छत्तीसगढ़

विकास कार्यों को तरसते बिलासपुर में खेल संस्कृति का हो रहा है दिनोदिन पतन…करोड़ों की लागत से बना जिला खेल परिसर बदहाली में-अमर अग्रवाल… राहुल गांधी की सदस्यता समाप्ति पर भी दी प्रतिक्रिया

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कांग्रेस के कार्यकाल में विकास कार्यो की दुर्दशा पर भाजपा शासन कार्यकाल में लगभग  सरकंडा क्षेत्र में एसईसीएल मुख्यालय के सामने जिला  खेल परिसर की बदहाली के विरोध में धरना दिया। इस दौरान अमर अग्रवाल ने कहा पिछले 8 साल से पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश में खेलों को अत्यधिक बढ़ावा दे रही है। 

Advertisement
Advertisement

खेलो इंडिया कार्यक्रम ,खिलाड़ियों के प्रशिक्षण एवं खेल अवसंरचना के विकास के लिए योजनाएं  चलाई जा रही है परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रदर्शन दिनों दिन सुधर रहा है।देश भर में खेलो इंडिया केंद्र खोलने की योजना बना रही है।खिलाड़ियों के आधुनिक विकास के लिए आज देश भर में  स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर है और इसके अलावा देश में कई उत्कृष्टता केंद्र, अनेको राष्ट्रीय उत्कृष्ट अकादमी और बडी संख्या में खेलो इंडिया केंद्र स्थापित किए जा रहे है लेकिन छत्तीसगढ़ में खेल और खिलाड़ी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

Advertisement

अमर अग्रवाल ने बताया विकास की परिकल्पना पर आधारित छत्तीसगढ़ राज्य स्व.प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी की देन है।बिलासपुर में रेलवे का जोन ,एनटीपीसी की सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर पर आधारित बिजली उत्पादन संयंत्र, अपोलो अस्पताल मेडिकल कॉलेज,राजस्व बोर्ड का नया मुख्यालय,सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय एवं अन्य संस्थान भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में स्थापित हुए, बिलासपुर को राष्ट्रीय मानचित्र में पहचान मिली।

Advertisement

अरपा पार सरकंडा में एसईसीएल के मुख्यालय के समीप इण्डोर हॉल, दो बैंडमिंटन वुडन कोर्ट, जिम हॉल, तरण ताल 25×50 मी., दो कमरे, 8 वॉशरूम, 500 दर्शक क्षमता वाले जिला खेल परिसर की सुविधा 7 करोड़ की लागत से  बिलासपुर के खिलाड़ियों के लिए दिलाई गई लेकिन विकास के कार्यों को तरसते बिलासपुर में खेल परिसर खेल परिसर  सरकंडा अव्यवस्था और बदहाली का शिकार हो चूका है। मैदान अब खेत बन चुका है। जिम, बैडमिंटन कोर्ट में अंधेरा छाया रहता है।

जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना राज्य सरकारों की बुनियादी जिम्मेदारी है, इंडोर खेलों के साथ आउटडोर खेलो के लिए शहर में एक सर्व सुविधा युक्त व्यवस्थित खेल परिसर का शुभारंभ भाजपा शासनकाल में कराया गया आज वह खेलने लायक नहीं रह गया।एसईसीएल, नगर निगम और जिला प्रशासन के सहयोग से जिला खेल परिसर के जीर्णोद्धार एवं निर्माण कार्य के लिए 7 करोड़ से अधिक की राशि का  प्रावधान होने के बावजूद आज यह खेल परिसर न्याय धानी का सबसे गंदा मैदान जाना जाता है। उचित रखरखाव खेल खिलाड़ियों और खेल संघों के सहयोग से सबसे प्राइम लोकेशन पर स्थित खेल परिसर को सबसे सर्वश्रेष्ठ मैदान बनाया जा सकता था लेकिन कुछ ही सालो में खेल विभाग ,निर्माण एजेंसी,अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलभगत ने जिला खेल परिसर में खेलों के आयोजन की संभावना को खत्मप्रायः कर दिया,आज यह न खेलने लायक बचा है और न कोई बड़ा आयोजन हो सकता है। खिलाड़ी बच्चे भी यहां जाने से परहेज करने लगे है, सरकार के गौठान से ज्यादा आवारा मवेशी खेल परिसर में डेरा जमाए हुए रहते हैं।  दिनदहाड़े नशाखोरी करने वाले अपने मंसूबों को अंजाम देते हैं, कबड्डी और  बॉस्केटबॉल ,वॉलीबॉल के मैदान तो आज तक नहीं बन पाए, सरकंडा के रहवासी यहां सुबह पैदल भी नहीं चल सकते। जिम व बैडमिंटन कोर्ट में  गंदगी पसरी रहती है।सुरक्षा के नाम पर दिखावा है। गिनती के इक्का दुक्का सामान बचे हैं। खेल सामग्री की खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार हुआ,लोग बताते है कागजों में ही खरीदी हो गई।खेल परिसर में सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। स्टेडियम जर्जर होने लगा है।  पानी निकासी, साफ सफाई, पर्याप्त बिजली व्यवस्था, मैदान का समतलीकरण तक नहीं हुआ है।खेल परिसर सरकंडा की खराब स्थिति के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग  इस मैदान को संवारने से लेकर सुविधा, संसाधन और अधोसंरचना विकसित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिए जाने से दो मैदान की दुर्दशा मैदान की दुर्दशा हो रही है।

अमर अग्रवाल ने कहा कांग्रेस के जनप्रतिनिधि चोर चोर मौसेरे भाई हैं, वे केवल सहानुभूति लूटने के लिए जनता का काम न करना पड़े इसलिए बहानेबाजी और  ड्रामा करते है। शहर विधायक विधायक निधि का पैसा शहर के विकास  खर्च नहीं करते, विधायक के सामर्थ्य जनता चुकी है,इसलिए जनता  विधायक निधि का से विकास की अपेक्षा नहीं रखती।श्री अग्रवाल ने कहा बिलासपुर को स्मार्ट सिटी के लायक  विकसित होने की क्षमता  भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में मिली। कांग्रेस के कार्यकाल में स्मार्ट सिटी बदरंग हो रही है, रखरखाव का काम भी नहीं हो पा रहा है।उन्होंने कहा राजीव मितान क्लब के माध्यम से खेलों का राजनीतिकरण हो रहा है। खेल अधोसंरचना के विकास के लिए राज्य सरकार की पहल नाकाफी हैं।छत्तीसगढ़ ओलंपिक के नाम पर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने का काम किया गया। बिना मैदानी तैयारी के आपाधापी में  छ ग ओलंपिक का आयोजन किया गया। स्थानीय खेलों के नाम पर करोड़ो की राशि का अपव्यय किया गया, राज्य सरकार और क्षेत्रीय प्रशासन की अनदेखी से कबड्डी खेल में राज्य में अलग-अलग जगहों पर दो खिलाड़ियों का निधन हो गया। सरकार ने पर्याप्त मुआवजा भी नहीं दिया।छत्तीसगढ़ में खेलों में राजनीतिक हस्तक्षेप और दखलंदाजी से खेल और खिलाड़ियों को निराशा का सामना करना पड़ रहा है।श्री अग्रवाल ने कहा आज कई करोड़ की योजनाएं अधुरी है।बिलासपुर में माफियाओं का राज है। सत्ता पुलिस के संरक्षण में नशे का कारोबार चल रहा है, निजात अभियान में फोटो खिंचवाने वाले नशे के कारोबार में संलग्न है। टेंट लगवा कर जुआ सट्टा खिलाने की खबरें आज दिन समाचारों की सुर्खियों में रहती है।6 माह बाद सरकार आने वाली है,अधूरे कार्यो को प्राथमिकता के साथ पूरा कराया जाएगा। आयोजित धरने में  रामदेव कुमावत जिला अध्यक्ष भाजपा, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष जयश्री चौकसे युवा मोर्चा प्रभारी दीपक सिंह युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष निखिल केसरवानी एवं राजेंद्र भंडारी विश्वजीत ताम्रकार, रवि सिंह, नवीन उभरानी,रोमिल मौर्या, तुषार साव,सागर यादव,आलोक वर्मा,वैभव गुप्ता,अभिषेक प्रभाकर,मोनू रजक,नितिन छाबड़ा,रोहित मिश्रा,पंकज तिवारी, रंगा नाथम,विभा गौरहा,सीमा पांडे,दीपशिखा साहा,सुनीता चौधरी,रजनी पटेल,आरती वर्मा,पूजा सारथी,माया पमनानी,रीना गोस्वामी,
लाला भाभा,नवाब अली, अमित तिवारी, सरताज अली, अथर्व मिश्रा,अशोक राजपुत,विकास यादव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पदाधिकारी गण उपस्थित थे।

*राहुल गांधी ने जिद्द में मर्यादाओं को ताक पर रख दिया था*- राहुल गांधी जी खारिज किए जाने के संदर्भ में अमर अग्रवाल ने कहा जनप्रतिनिधित्व कानून की 1951 की धारा 8 के अनुसार लिया गया कानूनी फैसला है। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संवैधानिक मर्यादाओं और परंपराओं के अनुकूल होनी चाहिए। कांग्रेस के नेता प्रधानमंत्री श्री मोदी और केंद्र सरकार को संवैधानिक मर्यादाओं से परे जाकर भला बुरा कहते रहते हैं, यह फैसला सभी जनप्रतिनिधियों को मर्यादित व्यवहार करने की दृष्टि से ऐतिहासिक साबित होगा.

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button