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भारतीय कफ सीरप से देश में हुई 18 बच्चों की मौत’, गांबिया के बाद अब उज्बेकिस्तान का आरोप

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(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली : गांबिया में भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनी की कफ सीरप से कथित तौर पर 66 बच्चों की मौत के बाद अब उज्बेकिस्तान ने भी आरोप लगाया है कि एक भारतीय फार्मास्यूटिकल फर्म की कफ सीरप से उसके यहां 18 बच्चों की मौत हो गई है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारतीय दवा फर्म मैरियन बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित डाक 1-मैक्स कफ सीरप के सेवन से इन बच्चों की मौत हुई है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिया जांच का भरोसा
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उज्बेकिस्तान को भरोसा दिलाया है कि वह उसकी मदद के लिए पूरी तरह से तैयार है और जांच में हर संभव सहयोग करेगा। उधर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के सूत्रों ने कहा कि वह उज्बेकिस्तान के दावे की जांच करेगा।

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केंद्र सरकार ने आरोपों को किया था खारिज
यहां ये भी बता दें कि हाल ही में संसद में केंद्र सरकार ने साफ किया था कि गांबिया में भारतीय फार्मास्यूटिकल फर्म मेडेन की जिस कफ सीरप से कथित तौर पर 66 बच्चों की मौत की बात कही जा रही थी, जांच के दौरान पाया गया कि आरोपों में कोई सच्चाई नहीं थी। दवा के लिए गए सैंपल मानकों पर खरे पाए गए। इन आरोपों से भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनियों की छवि बेवजह धूमिल हुई।

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फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात पिछले एक दशक में दोगुना हुआ
भारत को दुनिया की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है और फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात पिछले एक दशक में दोगुने से अधिक हो गया है। ये बात अलग है कि गांबिया ने मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की दवा को अपने देश में प्रतिबंधित कर दिया है।

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