देश

लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भीषण गर्मी से निपटने के लिए केंद्र ने स्वास्थ्य विभाग को दिए निर्देश…..

Advertisement

Advertisement
Advertisement

Advertisement

लोकसभा चुनावों के कार्यक्रमों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लू के प्रभाव को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि एहतियाती उपायों से लोगों के बीच समय पर अग्रिम रूप से और व्यापक जागरूकता अभियान चलाने से भीषण गर्मी लू के गंभीर प्रभाव को कम करने में काफी मदद मिलेगी।

Advertisement


मांडविया ने गर्मी से संबंधित बीमारियों के प्रबंधन के लिए लोक स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियों की समीक्षा को लेकर एक बैठक में राज्यों में भारत मौसम विज्ञान विभाग के अलर्ट प्राप्त होते ही समय से कार्रवाई के महत्व पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि अप्रैल की शुरुआत से ही देश के कई हिस्सों में तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक चला गया है, जिससे लू का खतरा बढ़ गया है। मांडविया ने कहा कि आम चुनाव हो रहे हैं जिसमें व्यापक जनभागीदारी अपेक्षित है और जनभागीदारी के बिना यह महान आयोजन पूरा नहीं होगा। इसमें जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए हम सभी की जिम्मेदारी स्वास्थ्य का ध्यान रखने की है। उन्होंने कहा कि इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सभी हितधारकों के साथ एक बैठक की गई और मंत्रालय को राज्यों के साथ समन्वय में तुरंत उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।


उन्होंने घर में बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखने पर जोर दिया। मांडविया ने कहा कि लू से अस्वस्थ होने पर लोगों को नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, आयुष्मान मंदिर जाना चाहिए या जिला अस्पताल में डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 29 फरवरी को सभी राज्यों को लू के संबंध में परामर्श जारी किया गया था। राज्यों के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र द्वारा तैयार की गई कार्य योजना और आम जनता के लिए क्या करें और क्या न करें की जानकारी भी साझा की गई थी।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त माध्यमों से लोगों के स्वास्थ्य का उचित ख्याल रखते हुए हम लोकतंत्र के इस महान पर्व को पूरे उत्साह और व्यापक जनभागीदारी के साथ मनाएंगे। मांडविया ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभागों को लू के संभावित मामलों के तेजी से विश्लेषण और मानक उपचार प्रोटोकॉल में डॉक्टरों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पीने के पानी, अन्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। विभागों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया गया है कि शीघ्र कदम उठाने के लिए एम्बुलेंस में आइस पैक, ठंडे पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button