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डेरा प्रमुख राम रहीम को पंजाब लाने के मामले में हाईकोर्ट ने पूछा..क्या ये प्रधानमंत्री से ऊपर हैं..?

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(शशि कोन्हेर) : चंडीगढ़। बेअदबी मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब लाए जाने के लिए पंजाब सरकार की दलील पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी की है। हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद सांगवान ने कहा कि क्या यह वीआइपी है और प्रधानमंत्री से ऊपर है? प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान जो हुआ वह सरकार संभाल नहीं पाई तो डेरा प्रमुख को अगर अदालत में पेश किया गया तो हालात कैसे संभाले जा सकते हैं?

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पंजाब सरकार ने डेरा प्रमुख को प्रोडक्शन वारंट पर लाए जाने के आदेश पर लगी रोक को हटाने के लिए अदालत से आग्रह किया था। सरकार की ओर से कहा गया कि डेरा प्रमुख की पेशी के दौरान 35 हजार सुरक्षाकर्मी लगाए जाएंगे और उसे हेलीकाप्टर से पंजाब लाया जाएगा।

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जस्टिस सांगवान ने उनकी सुरक्षा व हालात पर चिंता जताते हुए प्रोडक्शन वारंट के आदेशों पर लगी रोक को 21 अप्रैल तक बढ़ाते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ने जवाब देने के लिए कुछ और समय की मांग की थी। संभावना है कि अब इस मामले की सुनवाई पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद ही हो। अब एसआइटी डेरा प्रमुख से सुनारिया जेल में ही पूछताछ कर सकती है।

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उल्लेखनीय है कि बेअदबी मामले में फरीदकोट की ट्रायल कोर्ट ने डेरा प्रमुख को आरोपित बनाया था और उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिए थे। इन आदेशों को डेरा प्रमुख ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने 28 अक्टूबर को डेरा प्रमुख के प्रोडक्शन वारंट के आदेशों को रद्द करते हुए सरकार को आदेश दिए थे कि इस मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी सुनारिया जेल में जाकर डेरा प्रमुख से पूछताछ कर सकती है, इसके लिए डेरा प्रमुख को फरीदकोट लाया जाना जरूरी नहीं है।

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