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पाकिस्तान के कानून विशेषज्ञों की नजर में जो हुआ वह गलत हुआ.. पाकिस्तान के साथ भी और संविधान के साथ भी.. हिट विकेट आउट हो सकते हैं इमरान

पाकिस्तान के सदन में उपाध्यक्ष कासिम सूरी के द्वारा जिस तरह मतदान के पहले ही विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को‌ विदेशी साजिश करार देते हुए खारिज कर दिया गया। और उसके तुरंत बाद इमरान खान ने वहां की संसद भंग करने की घोषणा कर दी। इन दोनों ही बातों पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू हो रही है। कानून विशेषज्ञों और खासकर पाकिस्तान के संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि संसद के उपाध्यक्ष का कृत्य पूरी तरह गलत और संविधान विरोधी था। इन विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें किसी भी स्थिति में अविश्वास प्रस्ताव को मतदान के पहले ही खारिज नहीं करना था। उनका मानना है कि क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव संसद के पटल पर रखा जा चुका था। इसलिए अब उस पर कोई भी कार्रवाई अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के बाद ही की जानी थी। लेकिन ऐसा करने की बजाय सदन के उपाध्यक्ष ने जिस तरह विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया वह पूर्णता संविधान विरोधी और गलत है। संविधान विशेषज्ञों का यह भी कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान के अटार्नी जनरल सुप्रीम कोर्ट को बता चुके थे कि मतदान कराया जाएगा। इसके बावजूद मतदान से बचने के लिए अविश्वास प्रस्ताव को ही विदेशी साजिश बताकर खारिज कर दिया गया जोकि अनैतिक और अवैध है। इनका मानना है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई के बाद सदन के उपाध्यक्ष की कार्यवाही को अवैध बताकर खारिज कर सकते हैं। और अगर उपाध्यक्ष की कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर देता है तो उसके आधार पर प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा संसद को भंग करने के लिए राष्ट्रपति से की गई सिफारिश भी स्वयमेव अवैध हो जाएगी। संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि इमरान खान ने अपने हिसाब से विपक्षी नेताओं के खिलाफ शॉट तो बढ़िया लगाया था लेकिन इस बात की संभावना बहुत अधिक है कि वे हिट विकेट आउट साबित हो सकते हैं।

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