कलेक्टर कान्फ्रेंस में, क्या कहा, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने..!
(शशि कोन्हेर) : रायपुर – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित कलेक्टर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने ग्रास रूट पर बेसिक एडमिनिस्ट्रेशन पर ज्यादा ध्यान देने पर जोर दिया है। उन्होंने कलेक्टरों से दो टूक कहा कि मंत्रालय से लिए गए निर्णय को धरातल पर पहुंचाने का बीड़ा जिला प्रशासन पर है, इसकी समीक्षा आंकड़ों से नहीं, छत्तीसगढ़ के नागरिकों को इन योजनाओं से पहुंचे प्रत्यक्ष लाभ से कलेक्टरों के परफॉर्मेंस का आंकलन किया जाएगा। राजस्व प्रशासन के कार्य सीधे तौर पर किसानों, नागरिकों से जुड़े हुए हैं। ज़िला प्रशासन इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन और प्रशासन के मध्य परस्पर संवाद आवश्यक है, इसीलिए आज हम सब यहां एक परिवार की भांति उपस्थित हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना मैनेजमेंट पर कलेक्टरों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी में प्रशासन ने बहुत बेहतर ढंग से कार्य किया है।
आज छतीसगढ़ की अभिनव परियोजनाओं के कारण छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा देश में हो रही है।
बता दें कि मुख्यमंत्री बघेल की अध्यक्षता में न्यू सर्किट हाउस में करीब एक घंटे देरी से कलेक्टर्स कांफ्रेंस की शुरुआत हुई।
कोरोना के बाद यह पहली फिजिकल मीटिंग है। इससे पहले मुख्यमंत्री बघेल ने वर्चुअल बैठकें लेकर कोरोना मैनेजमेंट पर बात की थी। कमोबेश सभी जिलों ने क्रिटिकल समय पर बेहतर ढंग से प्रबंधन किया था। आज की बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोना से राहत मिलने के बाद अब सरकार मिशन मोड में काम करने की तैयारी में है। सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के अतिरिक्त अन्य योजनाओं पर तो बात की जाएगी, लेकिन इस बार कलेक्टरों को लॉ एंड ऑर्डर पर भी बात होगी। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के नाते कलेक्टर ही सीधे तौर पर लॉ एंड आर्डर के लिए जिम्मेदार होते हैं। मध्यप्रदेश के समय यह परंपरा थी, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। अब कवर्धा की घटना के बाद सरकार इस पर भी बात करेगी। कवर्धा में स्थिति को संभालने में प्रशासन से चूक हुई।
मुख्यमंत्री कलेक्टरों से लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रखने का प्लान पूछ सकते हैं। इसके अलावा लोक केन्द्रित प्रशासन, राजस्व प्रशासन से संबंधित शिकायतों का निराकरण, गिरदावरी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, धान खरीदी की तैयारी सहित राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की स्थिति पर कलेक्टरों से वन टू वन बात करेंगे।