छत्तीसगढ़

साइबर ठगी के मामलों में दुर्ग पुलिस ने किया मीडियाकर्मियों से किया ये आग्रह..!

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(शशि कोंनहेर) : दुर्ग पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में मीडिया से यह आग्रह किया है कि वह इसकी रिपोर्टिंग करते समय आरोपी और पीड़ित का नाम तथा उनका फोन नंबर दिए बिना साइबर धोखाधड़ी पर गुमनाम रिपोर्टिंग करने की कृपा करें। दुर्ग पुलिस ने बताया कि साइबर अपराधियों की कोई पहचान नहीं होती। फोन नंबर ही आरोपी तक पहुंचने का प्रमुख और इकलौता जरिया है। यह अपराधी जानते हैं कि उनका शिकार कहां से है! और पीड़ित के बारे में छपी मीडिया रिपोर्ट को ट्रैक करते हैं।

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इन रिपोर्टों में अगर पीड़ित और आरोपियों के फोन नंबर दे दिए गए तो साइबर अपराधियों को ही उससे लाभ होता है। और वे अपने नंबरों को बंद कर गुमनामी के अंधकार में खो जाते हैं। दरअसल दुर्गे के पदमनाभपुर में 10 लाख रुपए की साइबर ठगी का एक मामला सामने आया है। कुछ मीडिया कर्मियों और पोर्टल्स ने आरोपियों के नाम और उनके फोन नंबर के साथ मामले की रिपोर्ट प्रसारित प्रकाशित की। इसके तुरंत बाद दोनों आरोपियों के फोन नंबर बंद हो गए।

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और इसके कारण उन्हें ट्रेस करने तथा केस बनाने के लिए दुर्ग पुलिस के द्वारा एक हफ्ते से की जा रही कोशिश प्रभावित हो गई। इसके मद्देनजर दुर्ग पुलिस ने मीडिया कर्मियों से अनुरोध किया है कि वे आरोपी और पीड़ित का नाम और उनका फोन नंबर दिए बिना साइबर धोखाधड़ी पर गुमनाम रिपोर्टिंग करें। एक बार जब हम अपराधी को पकड़ लेंगे तो और अच्छी समाचार सामग्री आपको उपलब्ध हो सकेगी।

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