बिलासपुर

जिले में रेत की अवैध खुदाई के मामले में, सबसे बड़े खलनायक हैं.. कोनी और सरकंडा थाना..!

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(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – जी हां! यह बात 100 फ़ीसदी सही है। बिलासपुर जिले में हो रही (और होती रही) रेत की कुल अवैध खुदाई और परिवहन का 80% से अधिक गोरखधंधे का मेन ठिकाना कोनी और सरकंडा थाना क्षेत्र ही रहा है। इन दोनों थानों से अवैध रेत की खुदाई को जिस तरह लगातार संरक्षण दिया जाता रहा है, वह सर्वज्ञात है। इन दोनों स्थानों के सिपाहियों से लेकर अधिकारियों तक को यह जानकारी रहा करती थी कि उनके थाना क्षेत्र में कहां-कहां कौन-कौन अवैध रेत की खुदाई कर रहा है। और ऐसी हर अवैध खुदाई के पीछे कौन सा नेता या व्यापारी पूरी तरह सक्रिय है। सब कुछ पता होने के बाद भी इन दोनों थानों से खनिज विभाग के साथ मिलकर कभी भी अपने क्षेत्र में चल रही रेत की अवैध खुदाई और परिवहन के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई। कभी-कभी दिखाने के लिए जो कार्रवाई की गई उसमें भी इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता था कि पूरा गोरखधंधा बंद मत हो..और उसके पीछे मौजूद नेता या बाहुबली नाराज ना हों। जिससे इस गोरखधंधे के चक्कर में थानों को पहुंच रही मलाई ना रुक जाए। इस कडुवी सच्चाई के बाद भी यह उम्मीद सभी को थी कि, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दिए गए सख्त आदेश के बाद बिलासपुर जिले के समस्त थाना क्षेत्रों के साथ ही रेत की अवैध खुदाई और परिवहन के लिए बदनाम कोनी और सरकंडा थाना क्षेत्र में भी रेत की अवैध खुदाई पर पूर्ण रूप से विराम लग जाएगा। लेकिन पूरे प्रदेश के विपरीत इन दोनों थाना क्षेत्रों में अभी भी रेत की खुदाई ब्रेक मार्केटिंग और परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है। कोनी थाना क्षेत्र के घुट्कु, निरतू,सिंगारबारी, लोखड़ी और कोनी में अभी भी रेत की अवैध खुदाई तथा भंडारण और परिवहन एक नेता की छत्रछाया में बेरोकटोक चल रहा है। इसी थाना क्षेत्र में अवैध रेत को वैध रेत दिखाने का कारोबार नेताओं और बाहुबलियों की छत्रछाया में जमकर चल रहा है। कोनी के अलावा सरकंडा थाना क्षेत्र में भी कई स्थानों पर चल रहा रेत के अवैध कारोबार पर पूर्णविराम अभी भी नहीं लगा है। अभी भी रेत के परिवहन में लगे ट्रैक्टरों और हाईवा की आवाज कहीं दिनदहाड़े तो कहीं रात के सन्नाटे में पूरे इलाके के गांवों में गूंजती रहती है। लेकिन वह न तो खनिज विभाग को सुनाई देती है और ना ही इस थाना क्षेत्र के कारिंदों को..रेत की अवैध खुदाई और परिवहन के काले कारोबार से मिलने वाली रकम का स्वाद अभी भी सब के मुंह में लगा हुआ है। जैसा कि हम पहले कह चुके हैं। बिलासपुर जिले में हो रही रेत की अवैध खुदाई, परिवहन, ब्लैक मार्केटिंग, बाहुबलियों की दादागिरी और इन सब को राजनीतिक संरक्षण देने का 80% खेल इसी क्षेत्र में हो रहा है। जाहिर है कि माइनिंग विभाग के जमीनी हमले में घुसे, रेत सौदागरों के मुखबीरों की मदद के बिना यह सब संभव हो ही नहीं सकता। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को इन दोनों थाना क्षेत्रों में चल रहे रेत के खेल और उसे चलाने वालों तथा संरक्षण देने वालों पर कार्रवाई करने में अपना पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हमारा अनुमान है कि अगर इन दोनों ही थाना क्षेत्रों में रेत की अवैध खुदाई और परिवहन के काम पर स्थाई रूप से रोक लग गई तो पूरे जिले के रेत के अवैध कारोबार में 80% से भी अधिक कमी आ जाएगी। इसलिए प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे इन दोनों थाना क्षेत्रों में चल रहे अवैध कारोबार की रीढ़ पर निर्णायक प्रहार कर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा को अमलीजामा पहनाने की दिशा में ठोस पहल की जाएगी… हम प्रशासन से, कम से कम ऐसी उम्मीद तो, कर ही सकते हैं..!

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पुनश्च:–यह बहुत पीड़ादायक है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा रेत की अवैध खुदाई और कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश के बावजूद पत्रकारों को यह सब लिखने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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