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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई हुई पूरी, कोर्ट का फैसला कल……

(शशि कोन्हेर) :ज्ञानवापी मस्जिद पर वाराणसी सिविल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट कल फैसला सुनाएगा। इससे पहले सुनवाई के दौरान हंगामा हो गया। कोर्ट कमिश्नर पर मुस्लिम पक्ष के हंगामे के चलते बहस रूक गई। हिंदू पक्ष ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा है। हिंदू पक्ष ने दलील दी है कि कमिश्नर अलग होना चाहते हैं तो वो हट सकते हैं। मुस्लिम पक्ष लगातार उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है। कोर्ट कमिश्नर और तहखाने का ताला खुलवाने पर कल फैसला आएगा।

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ज्ञानवापी में मंदिर होने के 10 सबूत

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सबूत 1   दीवार पर देवी-देवताओं के चित्र
सबूत 2   परिसर में शिवलिंग की मौजूदगी
सबूत 3   मस्जिद की तरफ नंदी का मुंह
सबूत 4   ज्ञानवापी में रामकथा मंडप
सबूत 5   पुराने दस्तावेज में कथा मंडप का जिक्र
सबूत 6   हिंदू शैली में दीवारों का निर्माण
सबूत 7   तहखाने के गेट पर लगा ताला
सबूत 8   हिंदू परिवार के पास तहखाने का मालिकाना हक
सबूत 9   तहखाने में जाने वाले चश्मदीद की गवाही
सबूत 10  परिसर में श्रृंगार गौरी के सबूत

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वादी हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के अंदर सर्वे कराए जाने की अदालत से मांग की है। जिस पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने अपना पक्ष रखने के लिए अदालत से बुधवार तक का समय मांगा था। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने मंगलवार को बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वे को लेकर दोनों पक्षों ने अपनी दलील रखी।

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गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर श्रंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिये छह मई का दिन तय किया था।

ज्ञानवापी मस्जिद पर मंदिर भारी  पांच विस्फोटक सबूत

पिछली छह मई को सर्वे का काम शुरू हुआ था। मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था और उन्हें बदलने की अदालत में अर्जी दी थी।

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