छत्तीसगढ़

विद्यालय प्रबंध समिति के गठन के लिए गाइडलाइन जारी, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश….

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रायपुर – छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने 6 से 14 आयु वर्ग आयु के समस्त बच्चों के लिए अनिवार्य तथा निःशुल्क शिक्षा से संबंधित अधिनियम अंतर्गत विद्यालय प्रबंध समिति के गठन के लिए आदेश जारी किया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, और सभी सहायक आयुक्त को दिशा निर्देश दिए हैं।

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जारी आदेश में स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से कहा गया है कि बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक विद्यालय में विद्यालय प्रबंध समिति का गठन निःशुल्क बाल शिक्षा अधिनियम 2009 अंतर्गत बनाये गये नियम 2010 के नियम 3 के अनुसार किया जाना है।

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विद्यालय प्रबंध समिति का गठन निम्नानुसार होगा। विद्यालय प्रबंध समिति में सदस्य संयोजक सहित कुल 16 सदस्य होंगे। समिति के अन्य 15 सदस्य निम्नानुसार प्रवर्ग के होंगे। समिति के 75 प्रतिशत सदस्य अर्थात 12 सदस्य बच्चों के माता-पिता या पालक होंगे। समिति के शेष 25 प्रतिशत सदस्यों का चयन निम्नानुसार किया जायेगा। 25 प्रतिशत अर्थात 4 का एक तिहाई सदस्य अर्थात 1 सदस्य स्थानीय प्राधिकरण ( पंचायत / नगरीय संस्था) के निर्वाचित सदस्यों में से होगा।

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जिसका चयन स्थानीय प्राधिकरण द्वारा किया जायेगा। 25 प्रतिशत अर्थात 4 का एक तिहाई अर्थात 1 सदस्य विद्यालय के अध्यापकों में से होगा। जिसका चयन विद्यालय के अध्यापकों द्वारा किया जायेगा। 25 प्रतिशत अर्थात 4 का एक तिहाई अर्थात 1 सदस्य स्थानीय शिक्षाविदो / विद्यालय के बालकों में से होगा। जिसका चयन समिति में माता-पिता / पालकों द्वारा किया जायेगा।

विद्यालय प्रबंध समिति में उपर्युक्तानुसार 15 सदस्यों में से 50 प्रतिशत अर्थात 8 पदों पर महिला सदस्य होंगी। विद्यालय प्रबंध समिति अपने क्रियाकलापों का प्रबंध करने के लिए माता पिता / पालक सदस्यों में से 1 अध्यक्ष और 1 उपाध्यक्ष को निर्वाचित करेगी। विद्यालय का प्रधान अध्यापक या जिस विद्यालय में प्रधान अध्यापक नहीं है, वहां विद्यालय का वरिष्ठतम अध्यापक विद्यालय प्रबंधन समिति का पदेन सदस्य संयोजक होगा।

विद्यालय प्रबंध समिति माह में कम से कम 1 बार अपनी बैठक करेगी और बैठकों के कार्यवृत्त तथा विनिश्चिय समुचित रूप से अभिलिखित किये जायेंगे और सार्वजनिक किये जायेंगे। समिति का कार्यकाल शिक्षा सत्र के लिए ही होगा। बैठक हेतु पालक सदस्यों में से एक तिहाई सदस्य अर्थात 4 तथा चयनित सदस्यों में से कम से कम 1 सदस्य की उपस्थिति आवश्यक होगा। कोई भी सदस्य सदस्य संयोजक को त्यागपत्र देकर अपनी सदस्यता समाप्त कर सकेगा।

अधिनियम में यथा प्रतिपादित बालक अधिकारों के साथ ही समुचित सरकार, स्थानीय प्राधिकारी विद्यालय, माता-पिता और सरंक्षक के कृर्तव्यों को भी विद्यालय के आसपास के जनसाधरण को सरल और सृजनात्मक रूप से संसूचित करना। धारा 24 के खण्ड क और ड. तथा धारा 28 का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना। इस बात की मानिटर करना कि अध्यापकों द्वारा धारा 27 में विनिर्दिष्ट कर्तव्यों से भिन्न गैर शैक्षणिक कर्तव्यों का भार न डाला जाए।

विद्यालय में आसपास के सभी बालको के नामाकन और निरंतर उपस्थिति को सुनिश्चित करना। अनुसूची में विनिर्दिष्ट सनियमों और मानकों के बनाए रखने को मानिटर करना। जानकारी के मुताबिक बालक के अधिकारों से किसी विचलन को विशेष रूप से बालकों के मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न, प्रवेश से इंकार किये जाने ओर धारा 3 की उपधारा 2 के अनुसार निःशुल्क हकदारियों के समयबद्ध उपबंधों को स्थानीय प्राधिकारी की जानकारी में लाना।

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