बिलासपुर

कचरा घोटाला : ठेका कंपनी रामकी के खिलाफ 10 लाख रु. की लग सकती है पेनाल्टी….!



(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – रामकी कंपनी के द्वारा कचरे की जगह मिट्टी वजन कराने के मामले में अब नोटिस-नोटिस का खेल शुरू हो गया है। सभापति शेख नजरुद्दीन ने बुधवार को निगम में चल रहे कचरा घोटाले मामले का पर्दाफाश किया था, निगम से अनुबंधित ठेका कंपनी रामकी को प्रति माह कचरा उठाव के पीछे एक करोड़ से अधिक का भुगतान होता है। कंपनी के अधिकारी अपने कर्मचारियों से कचरे की जगह हाइवा में मिट्टी भरवाकर उसको तौलवाते थे, इसके पीछे उन्हें प्रति टन 2000 हजार रुपये का भुगतान निगम करती है। सीधे तौर पर समझिए कि अगर एक हाइवा में अगर कचरे की जगह मिट्टी का वजन कराया गया तो इसके पीछे सीधे 24000 चौबीस हजार रुपये सीधे रामकी कंपनी के खाते में चले गया, और वाहनों पर कचरे की जगह मिट्टी भरकर पैसे कमाने का खेल कई फेरो में होता है। जिसकी जानकारी निगम के जिम्मेदार नोडल अधिकारी अनुपम तिवारी को भी रही होगी, क्योकि जब सभापति ने उन्हें मौके पर बुलाया तो वह डेढ़ से 2 घंटे देरी से पहुचे और मौके पर पहुचने के बाद अचानक गायब हो गए। जिससे यह समझ आ रहा था कि चोरी पकड़ी गई। निगम आयुक्त अजय कुमार त्रिपाठी भी अभी निगम की कार्यप्रणाली को समझने में लगे हुए है।वर्षों से निगम में जमे कई अधिकारी अपनी पुरानी व्यवास्था में जी खा रहे है।अब जब कचरे के जगह रामकी कंपनी मिट्टी बेच दे रही है, तो आप सहज ही अंदाजा लगा सकते होंगे कि निगम के अधिकारी किस हद तक भ्रष्टाचार में लिप्त है।

जांच के नाम पर हो रही खानापूर्ति:-निगम प्रशासन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है।नोटिस देकर कंपनी से तत्काल जवाब मांगा गया है।कंपनी पूरे मामले में अपने कर्मचारियों से गलती होने की बात कहते हुए,अपना पल्ला झाड़ रही है। जबकि कचरे के खेल के पीछे बड़े बड़े सफेदपोश है। जब निगम प्रशासन ने अनुपम तिवारी को इसका नोडल अधिकारी बनाया है तो वह इस खेल को जानते हुए भी आंखे क्यो मूंदे हुए थे। कमीशन की राशि कहा और किसको किसको बटती है,इस सभी बातों से पर्दा उठाना जरूरी है। ताकि जनता के पैसों का इस तरह से बंदरबाट को रोका जा सके।

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