बिलासपुर

EXCLUSIVE : जगह-जगह जंगल जल रहा है… हजारों-वन कर्मी कई हड़ताल पर है.. वहीं वन विभाग के सारे अफसर…किटी पार्टी के लिए राजधानी से बिलासपुर पहुंचीं… टॉप अफसरों की बीवियों की वेज नॉनवेज आवभगत के साथ सेवा सत्कार में जुटे रहे.. देखिये वीडियो…. क्या कह रहे हड़ताली वन कर्मी..!

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(शशि कोन्हेर के साथ भूपेंद्र राठौर व प्रदीप भोई) : बिलासपुर – पूरे प्रदेश की तरह बिलासपुर संभाग में भी हजारों-हजार वन कर्मी अपनी तमाम मांगों को लेकर कई दिनों से हड़ताल कर रहे हैं। उनकी हड़ताल को आज 11 दिन हो चुके हैं। वही आज बिलासपुर के सारे वन अफसर रायपुर से आईं बड़े अफसरों की पत्नियों की खिदमत में लगे रहे..! 11 दिन से लगातार चल रही वन कर्मियों की हड़ताल के कारण अचानकमार अभयारण्य समेत पूरे क्षेत्र के जंगलों में जगह जगह आग लगी हुई है। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जंगलों में लगी इस आग से जंगलों को और प्रदेश को करोड़ों करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। चूंकि वन कर्मी हड़ताल पर है, इसलिए जंगलों में लगी आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है। यह कहना मुश्किल है कि जंगलों में कई जगह लगी आग से अभी तक हो चुके करोड़ों करोड़ों रुपए के अलावा आने वाले दिनों में और कितना नुकसान वन विभाग तथा शासन को होगा..? जाहिर है कि वन कर्मियों की हड़ताल के कारण वन विभाग के कामकाज में संकट का काल चल रहा है। बडे वन अफसर और वन विभाग, कर्मचारियों की मांगों पर अड़ियल रवैया बनाए हुए हैं। वही अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन पर उतरे वन कर्मी भी इस बार मानने को तैयार नहीं है। अपनी मांगों को लेकर उन्होंने आर-पार की लड़ाई घोषित कर रखी है। ऐसे मुश्किल हालात में प्रदेश के वन विभाग प्रदेश शासन और जंगल विभाग के अधिकारियों को वन कर्मियों की हड़ताल समाप्त कराने की दिशा में सहानुभूति पूर्वक, सकारात्मक कदम उठाने में जुट जाना चाहिए। जिससे किसी तरह हड़तालरत वन कर्मी अपने काम पर वापस लौट जाएं। और वन विभाग का कामकाज सुचारू रूप से चल सके तथा जंगल में जगह-जगह लगी आग पर काबू पाया जा सके। लेकिन अपनी इस ड्यूटी से बेपरवाह वन विभाग के अफसर किटी पार्टी के साथ साथ सैर-सपाटा के लिए आज राजधानी रायपुर से बिलासपुर पहुंचीं, बड़े-बड़े वन अफसरों की पत्नियों की आवभगत तथा सेवा सत्कार में लगे रहे। उन्हें ना तो वन विभाग की चिंता है. ना जंगल में लगी आग की और न कर्मचारियों के भले की। आज बिलासपुर वन मंडल कार्यालय के सामने जिस स्थान पर वन कर्मी पंडाल लगाकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। ठीक उसके पास ही तमाम फॉरेस्ट अफसर राजधानी रायपुर से पधारीं वन विभाग के बड़े बड़े अफसरों की पत्नियों के लिए मुर्ग मुसल्लम के साथ समारोह पूर्वक स्वागत सत्कार और भोजन पानी के इंतजाम में लगे रहे।पता चला है कि राजधानी के बड़े अफसरों की बीवियों का यह कारवां रायपुर से बिलासपुर और यहां से कोरबा जिले के सतरेंगा में पिकनिक और किटी पार्टी का एक साथ मजा लेने के लिए आया हुआ था। हम यहां “लिहाज” के लिए उन वन अफसरों का नाम नहीं बताना चाहते जिनकी अर्धांगिनियां ठीक हड़ताल के समय सतरेंगा कोरबा की पिकनिक का मजा लेने के लिए कोरबा जाने हेतु बिलासपुर पहुंची थीं।‌ रायपुर से किटी पार्टी, सैर सपाटा और पिकनिक का मजा एक साथ लेने के लिए बिलासपुर पहुंची अफसरों की पत्नियां कितनी संख्या में यहां पहुंची थीं..? तो इसी बात से आप संख्या का अनुमान लगा लीजिए कि बड़े अफसरों की इन पत्नियों को राजधानी रायपुर से बिलासपुर और बिलासपुर से कोरबा लाने ले जाने के लिए एक बड़ी लग्जरी बस मौजूद थी। वन मंडल कार्यालय के परिसर में बाकायदा डोम किए गए भोजन पानी के इंतजाम का आनंद ले कर फॉरेस्ट अफसरों की पत्नियों का यह कारवां रायपुर से आई लक्जरी बस में सवार होकर सतरेंगा के लिए रवाना हो गया।। बिलासपुर से कोरबा जाने के लिए निकली, इस लग्जरी बस के आगे पीछे 3-4 गाड़ियों में पायलटिंग करते कई वन अफसर और उनके कारिंदे भी कोरबा रवाना हुए। जानकारी मिली है कि सतरेंगा में भी इनकी किटी पार्टी, तथा सैर सपाटा और लजीज वेज नानवेज भोजन का बड़े पैमाने पर इंतजाम किया गया है।

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वैसे वन अधिकारियों की पत्नियों का परस्पर मेल मिलाप और इस तरह छोटी-बडी किटी पार्टियां का भव्य आयोजन कोई नई बात नहीं है। लेकिन ऐसे समय में जब प्रदेश के हजारों वन कर्मी बीते 11 दिनों से हड़ताल पर हो और अचानकमार अभयारण्य सहित पूरे क्षेत्र के जंगलों में जगह जगह आग लगी हुई हो.. ऐसे समय में वन विभाग के अफसरों की बीबियों का इस तरह किटी पार्टी और सैर सपाटा करने के लिए बिलासपुर आने तथा उनकी आवभगत और सेवा सुश्रुषा में पूरे वन विभाग के छोटे बड़े अफसरों को झोंक देने को, कतई उचित नहीं कहा जा सकता। इस कठिन हड़ताल के दौर में वन अफसरों की पहेली और अकेली प्राथमिकता वन कर्मियों की हड़ताल को समाप्त करने या जंगलों में लगी आग पर काबू में पाने तथा वन विभाग के कामकाज को पटरी पर बनाए रखने की होनी चाहिए। लेकिन इसके ठीक विपरीत बड़े अफसरों की पत्नियों का इस तरह समारोह पूर्वक किटी पार्टी में आने और पूरे विभाग से नवाबों की तरह सेवा सत्कार लेने को अगर, वन विभाग के उच्चाधिकारी तथा प्रदेश शासन सही कहता है…तो हमें भी इस मामले पर कुछ नहीं कहना है..!

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