महासमुंद

वहां बरसों से मातारानी के आरती के वक्त भालू भी मंदिर आते रहे हैं….देखिये वीडियो

(प्रदीप भोई) : महासमुंद – नवरात्रि के पहले दिन देवी मंदिरों में शुभ मुहूर्त पर घट स्थापना और ज्योति कलश प्रज्ज्वलित की गई। बिलासपुर से 180 किलोमीटर की दूरी पर महासमुंद जिले के बागबाहरा घुंचापाली चंडी मंदिर में 4051 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किया गया है। चैत्र नवरात्र के शुरू होते ही शक्ति के उपासक अपने मनवांछित फल की कामना लेकर देवी मंदिरों में माता के दर्शन लिए उमड़ पड़ते हैं, ऐसा ही दृश्य महासमुंद जिले अंतर्गत बागबाहरा के घुंचापाली स्थित मां चंडी देवी के मंदिर का भी है माता चंडी मंदिर हमेशा ही श्रद्धालुओं के साथ भालू भी मंदिर परिसर में माता की आरती में शामिल होने पहुंचते हैं। यह सिलसिला पिछले कई सालो से अनवरत जारी है। पहले आधा दर्जन से ज्यादा भालु मंदिर में आते थे, श्रद्धालुओं के बीच पूजा में शामिल होने पहुंच रहे इन भालुओं ने अभी तक किसी को कोई क्षति तो नहीं पहुंचाई है, लेकिन माता के प्रति लोगों में धार्मिक आस्था को बढ़ाने का काम जरूर किया है। मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ हो रही है कोरोना संक्रमण काल में भी भालुओं का परिवार माता रानी की आरती के समय रोजाना मंदिर पहुंच जाया करता था। आरती में शामिल होने के बाद फिर जंगल में वापस चले जाते थे। मां चंडी मंदिर में पशुबलि पूर्ण रुप से प्रतिबंध है, माता चंडी को सिर्फ फल-फूल, साड़ी, श्रृंगार सहित नारियल चढ़ाकर पूजा-अर्चना की जाती है, यहां जो भी अपनी मन्नतें लेकर आता है, माता रानी उसे पूरा करती हैं। सभी की मनोकामना पूरी होने की मान्यता नवरात्र में मां चंडी के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। माँ चंडी मंदिर के पुजारी टिकेश्वर दास जी महाराज रोजाना इन भालुओ को अपने हाथ से माजा पिलाते है वही यह भालू आनन्दित होकर बड़े अच्छे से पुजारी और श्रद्धालुओं के बीच मे घूमते रहते है यही कारण है की माता के प्रति यह मंदिर आस्था का केंद्र बनते जा रहा है, रोजाना शाम 4 बजे माता की आरती के समय मे यह भालू पहाड़ी क्षेत्र से मंदिर के अंदर प्रवेश करते है। देखिये वीडियो….👇

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