खबर का असर : कलेक्टर ने पीडीएस दुकान की बहाली पर लगाया रोक….
(मोहम्मद अलीम) : मुंगेली – जिले के सुरीघाट पंचायत में पीडीएस घोटाले से जुड़े मामले में कार्रवाई नही होने से नाराज ग्रामीणों व पंचायत बॉडी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है जिस पर कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए बहाली की कार्रवाई पर रोक लगा दी है साथ ही कयास यह लगाई जा रही है निरस्त करने की कार्रवाई होगी।
पंचायत के पदाधिकारी व प्रभावित हितग्रहियों का कहना है कि पीडीएस संचालक एजेंसी की अनियमितता की पुष्टि हो जाने के बाद पहले तो SDM साहब के द्वारा निलंबित कर दिया जाता है लेकिन राजनैतिक हस्तक्षेप की वजह से कुछ दिनों बाद फिर से बहाल करने की प्रक्रिया की जा रही थी। जिससे नाराज हितग्राहियों व पंचायत बॉडी ने प्रशासनिक कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किये थे। इस खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए बहाली की कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाते हुए पीडीएस दुकान को निरस्त की कार्रवाई की जा सकती है। इधर अनियमितता पाए जाने वाले राशन दुकान संचालक द्वारा निरस्त की कार्रवाई को रोकने का दबाव के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे है।
मामला मुंगेली शहर से लगे सुरीघाट पंचायत का है जहाँ माँ आदि शक्ति महिला स्व सहायता समूह के द्वारा पीडीएस दुकान का संचालन किया जा रहा है। सुरीघाट पंचायत के सरपंच, पंच सहित हितग्राहियों ने मुंगेली एसडीएम नवीन भगत से कुछ महीने पहले शिकायत दर्ज कराई थी कि पीडीएस संचालक के द्वारा कोरोना काल मे दी जाने वाली राशन सामग्री में अनियमितता से लेकर हर माह हितग्राहियों को वितरण की जाने वाली खाद्य वितरण सामग्री में गबन किया जा रहा था।
जिस पर एसडीएम ने फ़ूड इंस्पेक्टर के माध्यम से मामले की जांच कराई थी। जांच में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद एसडीएम नवीन भगत ने सुरीघाट के इस पीडीएस संचालक एजेंसी को 25 जून को निलंबित कर दिया था ।शिकायत कर्ताओं का आरोप है कि निलंबन की कार्रवाई के बाद निर्धारित समय अवधि पर उक्त एजेंसी एसडीएम के द्वारा निरस्त किया जाना था लेकिन राजनैतिक दल से जुड़े नेताओ के दबाव में महज जांच की औपचारिकता पूरी करने के बाद कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति की गई। ताज्जुब की बात तो ये है कि अनियमितता पुष्टि हो जाने के बाद जिस अधिकारी ने निलंबन की कार्रवाई किया था उनके द्वारा बहाली करने की प्रकिया की जा रही थी। यही वजह है कि एक बार फिर ग्राम पंचायत के सरपंच पंच व ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर अजीत वसन्त से करते हुए मांग किया है कि अनियमितता करने वाले इस पीडीएस एजेंसी को निरस्त करने के लिए ज्ञापन दिया था। जिसपर कलेक्टर ने इस पूरे मसले पर एसडीएम से प्रकरण मंगाकर जांच कर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, फिलहाल राशन दुकान को बहाल करने के आदेश पर रोक लगा दी गई है, साथ अब निरस्तीकरण की कार्रवाई होने की कयास लगाई जा रही है,वही अनियमितता की पुष्टि होने के साथ ही इसपर पर्दे और दबाव डालने के लिए अनियमितता पाए जाने वाले पीडीएस दुकान संचालक द्वारा प्रशासन पर दबाव बनाए जाने के लिए हथकंडे अपनाए जा रहे है।