छत्तीसगढ़

चिंतन शिविर में कांग्रेस की चिंता बढ़ा सकते हैं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़

(शशि कोन्हेर ): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ 13 से 15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में होने वाली चिंतन शिविर में खलल पैदा कर सकते हैं। पार्टी ने भी जाखड़ के खिलाफ भले ही कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की हो, लेकिन अब इस वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस को ‘अलविदा’ कहने का मन बना लिया है।

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जाखड़ ने अभी तक कांग्रेस पार्टी को लेकर कोई भी बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदयपुर में चिंतन बैठक कर रहे होंगे। उस समय वह कांग्रेस को आइना दिखाने उदयपुर में ही होंगे। हालांकि वह इस चिंतन शिविर के हिस्सा नहीं हैं।

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बता दें, कांग्रेस पार्टी ने जाखड़ को पार्टी का अनुशासन तोड़ने का दोषी करार दिया है। अनुशासन कमेटी ने जाखड़ को सभी पदों से मुक्त करने व दो साल के लिए निलंबित करने की सिफारिश पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी से की थी।

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जाखड़ के पास पार्टी का कोई पद नहीं था, लेकिन सोनिया गांधी ने अभी तक उन्हें निलंबित भी नहीं किया है। पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी करने से खफा जाखड़ ने अब कांग्रेस को छोड़ने का मन बना लिया है। इंतजार केवल इस बात का हो रहा है कि क्या पार्टी उन्हें निकालती है या वह पार्टी को छोड़ने की घोषणा करते हैं।

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हिंदू होने के कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी से दूर रहे जाखड़ पार्टी की ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस से खफा हैं। सूत्र बताते हैं कि जाखड़ ने अब चिंतन बैठक के दौरान पार्टी की खामियों और नीतियों को लेकर सीधा पार्टी हाईकमान पर हमला बोलने का मन बना लिया है।

50 वर्षों तक कांग्रेस से जुड़े रहने वाले जाखड़ के बगावती सुर इस बात की तरफ साफ संकेत दे रहे हैं कि चिंतन शिविर के दौरान वह बड़ा विस्फोट कर सकते हैं, क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद सुनील जाखड़ पंजाब के दूसरे ऐसे बड़े नेता हैं जिन्हें पार्टी गुटबंदी के चलते जलालत झेलनी पड़ी है।

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