रेलवे में स्वच्छता पखवाड़ा या पखवाड़े भर की स्वच्छता, अधिकारियों के सामने चकाचक और उनकी पीठ पीछे गंदगी का आलम
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – रेलवे के बड़े अधिकारियों को दिखाने के लिए स्वच्छता पखवाड़ा अभियान तो जरूर चलाया जा रहा है, मगर इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है,हम जो आपके दिखाने वाले है उसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि रेलवे , स्वच्छता पखवाड़ा के नाम पर किस तरह काम कर रही है।
बिलासपुर जोन के जीएम अलोक कुमार ने जब से पदभार ग्रहण किया है वह लगातार रेलवे की व्यवास्था सुधारने में लगे हुए है,वही स्पेशल ट्रेनो में निरीक्षण कर यात्रियों से सीधा संवाद भी कर रहे है। साथ ही ट्रेन में साफ सफाई सहित यात्रीयो को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी वह फीडबैक के रूप में ले रहे है।वही दूसरी तरफ हम आपको ट्रेन में फैली गंदगी की वह तस्वीर दिखा रहे है,जो यह बताने के लिए काफी है कि व्यवास्था में कमी है।अधिकारी जब निरीक्षण पर निकलते हैं,तब उन्हें सब कुछ अच्छा दिखाने के लिए,पहले से ही तैयारी कर दी जाती है। लेकिन जो असल स्थिती है वह किसी से छिपी नही है, जिस और जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है।यह नजारा देखकर तो यही कहा जा सकता हैं कि रेलवे में दिखावे के लिए 16 से 2 अक्टुबर तक स्वच्छता पखवाड़ा चल रहा है। शनिवार को निजामुद्दीन से चल बिलासपुर पहुँची संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के एसी कोच से लेकर स्लीपर कोच में गंदगी का आलम है। कोच के अंदर लगे डस्टबिन तक साफ नहीं हैं इस ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों ने बताया कि निजामुद्दीन से लेकर बिलासपुर तक ट्रेन की साफ सफाई नहीं की गई है जोनल स्टेशन में पहुंचने के बाद भी सफाई कर्मी ट्रेन के अंदर कचरा साफ करने नहीं पहुंचे। इसके अलावा टॉयलेट में तक नही भरा गया था जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
महाप्रबंधक रेल यात्रियों से बातचीत में स्वच्छता के बारे में कहते नजर आते है। मगर उनके जाते ही ट्रेनों के अंदर क्या स्थिति निर्मित होती है यह नजारा देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। गंदगी के चलते यात्रियों में रेलवे के प्रति खासी नाराजगी देखने को मिली मगर जिम्मेदार अधिकारियों को यह नजर नहीं आता।