छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : एनएच 30 पर पहाड़ टूट कर गिरा….

(दिलीप जगवानी) : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में शनिवार सुबह से जारी बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार बारिश से जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। बुधवार दोपहर में चारामा के मरकाटोला घाटी में भू-स्खलन होने से चट्टान के बड़े बड़े टुकड़े एनएच-30 पर गिरे। इससे आवागमन दोनों तरफ से बंदकर दिया गया । एनएच-30 करीब पांच घंटे बंद होने से वाहनों की लम्बी कतार लग गई। आफत की इस बारिश में आनन-फानन में धमतरी और कांकेर यातायात विभाग की टीम ने घाटी की पुरानी सडक़ से मलबा हटाकर वाहनों की आवाजाही शुरू करायी। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

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भारी बारिश के चलते महानदी, नैनी नदी व अन्य नदी-नालों में उफान आ गया है। रायपुर से जगदलपुर को जोडऩे वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-30 चारामा से कुछ आगे धमतरी के मरकाटोला घाट के पास पहाड़ी से भूस्खलन होने से मार्ग बाधित हुआ। एहतियात के तौर पर यात्री बसों, ट्रकों और दूसरे वाहनों की लंबी कतार लगी रही। कुछ वाहनों को जिला मुख्यालय कांकेर के पास माकड़ी में रोक दिया गया। चारामा व गुरुर पुलिस प्रशासन व सडक़ निर्माण कंपनी के सहयोग से मरकाटोला घाट के पास की पुरानी सडक़ को खोला गया, तब जाकर यातायात बहाल हो पाया।

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राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर सडक़ चौड़ीकरण के दौरान मरकाटोला घाट को सीधा करने के लिए यहां पर विशाल पहाड़ को बीचो-बीच काटकर सडक़ का निर्माण किया गया है, जहां से लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी से भू-स्खलन हो रहा है। रविवार रात भी पहाड़ी से पत्थर के साथ मलबा सडक़ पर गिर रहा था। लगातार बारिश होने के कारण धीरे धीरे भू-स्खलन बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि अब पुरानी सडक़ की तरफ से वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। पुरानी सडक़ पर वाहनों की आवाजाही से बार-बार जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। बताया जा रहा कि अगर बारिश नहीं थमी तो यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो सकता है।

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मरकाटोला घाटी में भू-स्खलन में फंसे लोगों का कहना था कि पहाड़ी के बीच से सडक़ बनाने का कोई औचित्य नहीं था। करोड़ों का बजट बर्बाद किया गया है। पहाड़ी को जेसीबी मशीन से तोडक़र सडक़ को बनाया गया है। जब तक घाटी के दोनों तरफ पक्की दिवार नहीं बनेगी खतरा बना रहेगा। इसी तरह से नरहरपुर ब्लॉक में नदी-नालों में उफान आने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। अंतागढ़-कायलीबेड़ा में भी भारी बारिश के चलते करीब दो दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों को का संपर्क कट गया है।

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