02 दिवसीय फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन कार्यशाला का शुभारंभ…..
(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – बिलासपुर रेंज व सरगुजा रेंज पुलिस तथा फोरेंसिंक इन्वेस्टीगेशन बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में फोरेंसिंक तकनीकों में बुनियादी प्रशिक्षण “ नई चुनौतियाँ एवं प्रगति ” थीम पर दो दिवसीय प्रथम ई – कान्फ्रेंस का शुभारंभ किया गया। कान्फ्रेंस में फोरेंसिंक इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी के डायरेक्टर दिपेन्द्र बारमते के द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए फोरेंसिक साईन्स के चारों स्तंभों के प्रबुद्ध वक्ताओं का हृदय से आभार व्यक्त किया।
प्रथम सत्र में बिलासपुर पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी (भापुसे) ने ” फोरेंसिंक साइंस की अनिवार्यता एवं उपयोगिता” को इंगित करते हुए कहा कि बिना फोरेंसिक साईन्स के न्याय की कल्पना करना अनुचित है। अपराधियों की मॉडस ऑपरेंडी लगातार बदल रही है, अतः पुलिस के लिए जरूरी हो जाता है कि वे नवीनतम टेक्नालॉजी से अपडेट रहे। इसी क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर दीपक कुमार झा (भापुसे) के द्वारा सभी विवेचकों को इवीडेंस कलेक्शन में डिजिटल फोरेंसिंक की महत्ता को बताया गया एवं इसकी मदद से विवेचना के स्तर में सुधार होने से अपराधियों की धर – पकड़ एवं आरोपियों को किस तरह सजा दिलायी जा सकती है इस संबंध विस्तृत चर्चा की गई। दुसरे सत्र में आर. के. विज (भापुसे) विशेष महानिदेशक , पुलिस मुख्यालय , छत्तीसगढ़ रायपुर ने “डिजिटल एवं सायबर फोरेंसिक साइंस ‘ विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि सायबर काईम में विगत कुछ वर्षों में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है।
विवेचना अधिकारियों को सायबर काईम के मूल तत्वों को जानना जरूरी है, विज ने मर्डर, सेक्सुअल असाल्ट एवं अन्य प्रकरणों में इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के महत्व बताया साथ ही किसी भी काईम में इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस कलेक्शन हेतु पुलिस विभाग के लिए भारत सरकार एवं पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ द्वारा जारी गाईड लाईन को हर संभव पालन करने की हिदायद दी। तीसरे सत्र में मुख्य वक्ता प्रोफेसर मनीष निगम ने ” बियॉण्ड द काईम सीन आटोप्सी ‘ विषय पर चर्चा कर विभिन्न प्रकार होमीसाईड एवं सुसाईड केस का विस्तृत चर्चा करते हुए बर्न, हैग्गींग, ड्राउनिंग, एक्सीडेंटल केस मे शव पंचनामा एवं पोस्टमार्टम से संबंधित विभिन्न पहलुओं को बारिकी से समझाया। कान्फ्रेंस के अंतिम सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ . विश्वास ने ” फोरेंसिक एन्टोमोलॉजी एवं वाईल्ड लाईफ फोरेंसिक ‘ विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए उपस्थित अधिकारियों के प्रश्नों का जवाब दिये एवं सुसाइडल, होमीसाइडल प्रकरणों में एन्टोमोलॉजी के महत्व को विस्तारपूर्वक समझाया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपमाला कश्यप का विशेष सहयोग रहा एवं कार्यक्रम का संचालन श्रद्धा नायक ने किया।
कार्यक्रम में बिलासपुर रेंज एवं सरगुजा रेंज के पुलिस अधीक्षक से लेकर उप निरीक्षक तक के लगभग 200 अधिकारी उपस्थित रहे एवं फोरेंसिक साईन्स के छात्र उपस्थित रहे ।