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UCC पर बहस से भाजपा को फायदे का डर….शरद पवार ने दी चुप ही रहने की नसीहत

(शशि कोन्हेर) : UCC यानी समान नागरिक संहिता को लेकर जारी चर्चा से शरद पवार ने दूरी ही बनाने का फैसला किया है। खबर है कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं से UCC पर बयानबाजी या बहस में शामिल नहीं होने की सलाह दी है। हालांकि, उन्होंने हाल ही में यह भी कह दिया था कि वह ‘यूसीसी का समर्थन करने के इच्छुक नहीं हैं।’ कहा जा रहा है कि पवार किसी भी तरह से भारतीय जनता पार्टी को फायदा नहीं पहुंचाना चाहते हैं।

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एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को आयोजित एनसीपी पदाधिकारियों की बैठक में पवार ने नेताओं को UCC पर चुप्पी साधने के निर्देश दिए हैं। राकंपा प्रमुख ने पदाधिकारियों से कहा कि विधि आयोग की तरफ से औपचारिक रूप से ड्राफ्ट रिपोर्ट जमा होने तक टीवी डिबेट्स से भी दूरी बनानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा है कि सरकार का रुख साफ होने तक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।

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रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इसकी वजह UCC का मुद्दा राजनीतिक रूप से संवेदनशील होना है, जिसका असर लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी के साथ महाविकास अघाड़ी पर भी पड़ सकता है। इसके अलावा किसी भी तरह की बयानबाजी भाजपा को एकता की कोशिश कर रहे विपक्ष पर हमलावर होने का मौका दे सकती है।

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पवार ने गुरुवार को कहा कि सरकार द्वारा कुछ चीजें स्पष्ट करने के बाद उनकी पार्टी UCC पर अपना रुख तय करेगी। इसके साथ ही, उन्होंने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह भी संभव है कि ध्यान भटकाने के लिए यूसीसी का मुद्दा उठाया जा रहा हो क्योंकि जो लोग सत्ता में हैं, उनके प्रति नाराजगी है।

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राकांपा नेता ने कहा कि सिख, जैन और ईसाई जैसे समुदायों के रुख का पता लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला है कि सिख समुदाय का एक अलग नजरिया है। पवार ने कहा, ‘वे यूसीसी का समर्थन करने के इच्छुक नहीं हैं… इसलिए सिख समुदाय की राय पर गौर किये बिना यूसीसी पर फैसला करना उचित नहीं होगा।’

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