कंगना रनौत ने मारा सिक्सर…तो मै पद्मश्री वापस लौटा दूंगी..!
कंगना रनौत ने कहा कि अगर कोई उन्हें 1947 में हुई घटना के बारे में बता सकता है तो वह अपना पद्म श्री लौटाने के लिए तैयार हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने शनिवार को अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक किताब के कुछ हिस्से को शेयर किया। इस स्टोरी में इतिहास से जुड़े कुछ खास रिकॉर्ड नज़र आ रहे हैं। अभिनेत्री ने स्टोरी शेयर करते हुए लिखा, ” इस साक्षात्कार में सब कुछ साफ नजर आ रहा है। 1857 में स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई। सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों के बलिदान के साथ संपन्न हुआ था। 1857 के बारे में मुझे पता है। लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, मुझे पता नहीं है, अगर कोई मुझे जागरूक कर सकता है, तो मैं अपना पद्म श्री वापस लौटा दूँगी और माफी भी मांगूँगी। कृपया इसमें मेरी मदद करें।”
कंगना ने शेयर की स्टोरी
उन्होंने आगे लिखा, “मैंने एक शहीद रानी लक्ष्मी बाई की फीचर फिल्म में काम किया है। आजादी की पहली लड़ाई 1857 पर बड़े पैमाने पर मैंने शोध किया। राष्ट्रवाद का उदय हुआ तो दक्षिणपंथी का भी, लेकिन अचानक मौत क्यों हुई? और गांधी ने भगत सिंह को क्यों मरने दिया । नेता बोस को क्यों मारा गया और उन्हें गांधी जी का समर्थन कभी क्यों नहीं मिला? एक श्वेत व्यक्ति द्वारा विभाजन की रेखा क्यों खींची गई ? स्वतंत्रता का जश्न मनाने के बजाय भारतीयों ने एक-दूसरे को क्यों मारा ? कुछ जवाब जो मैं मांग रही हूं कृपया मुझे जवाब खोजने में मदद करें।”
एक्ट्रेस कंगना रनौत ने कहा कि वह इसका परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां तक 2014 में आजादी की बात है, तो मैंने विशेष रूप से कहा था कि भौतिक आजादी भले ही हमारे पास हो सकती है लेकिन भारत की चेतना और विवेक 2014 में आजाद हुआ। पहली बार अंग्रेजी न बोलने या छोटे शहरों से आने या भारत में बने उत्पादों का उपयोग करने के लिए लोग हमें शर्मिंदा नहीं कर सकते एक ही साक्षात्कार में सब कुछ स्पष्ट है, लेकिन जो चोर हैं उनकी तो जलेगी। उनके जलन को कोई बुझा नहीं सकता। जिनके पास एक दोषी विवेक है, वे जलन महसूस करेंगे, इसके बारे में कुछ नहीं किया जा सकता। इसी के साथ अभिनेत्री ने जय हिंद भी कहा।