कुंवरपुर बांध मोड़ के समीप कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा ,जाने क्या है वजह
(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर+(सरगुजा) – बिलासपुर अम्बिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में कुंवरपुर बांध मोड़ के पास कभी भी खौफनाक दुर्घटना हो सकती है। और इसका मुख्य कारण राष्ट्रीय राजमार्ग ठेका कम्पनी द्वारा मंद गति से कराया जा रहा निर्माण कार्य है ।
दरअसल ठेका कंपनी सालों से राष्ट्रीय राजमार्ग में काम करा रही है परन्तु कुंवरपुर जलाशय के ठीक घुमावदार मोड़ पर आधा अधुरा काम ठप्प पडा हुआ है जबकि इस ख़तरनाक मोड़ पर पहले पहल काम कराया जाना था नहीं कराया गया है । अनेकों घटनाएं घटित हो चुकी है बाद इसके ठेका कम्पनी इस मोड़ पर पूरे संजीदगी से काम नहीं करा पा रही है।
इस अंधे मोड़ की हकीकत यह कि यदि कोई वाहन बिलासपुर की ओर से आ रही है और अंजाने से भी चूक हुई तो वाहन सीधे चुल्हट नदी के खाई में जा गिरेगी । वहीं दूसरी ओर अम्बिकापुर के ओर से चलने वाले वाहन सामने यानि बिलासपुर की ओर से आती हुई ढलान पर उतर रहे कोई भी वाहन आमने सामने से टकरा कर भयानक दुघर्टना के शिकार हो सकता हैं। कुल मिलाकर यह मोड़ दोनों तरफ से चलने वाले वाहनों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
इस मोड़ पर होने वाले सड़क हादसे ने कई लोगों के जान ले ली है। दुर्घटना के बारे में इल्म होने के बाद भी ठेका कम्पनी ध्यान नहीं दे रही है। कुंवरपुर जलाशय का मुख्य नहर की क्रासिंग भी ठीक इसी मोड़ पर है।
जब दोनों ओर से अधुरे निर्माणाधीन रास्ते से वाहन गुजरते हैं तो धूल का गुबार इस तरह छाया रहता है कि आमने सामने से आ रहे वाहनों का अक्स साफ़ नज़र नहीं आता वाहन चालक एहतियात बरतते हुए सफ़र करते हैं। छोटी वाहन भी खतरे के जद में आ कर इस मोड़ से गुजरते हैं।
कुछ माह पूर्व जिला कलेक्टर ने ठेका कम्पनी को सचेत करते हुए काम को जल्दी पूरा कराने कहा था।
लेकिन अब तक सरगुजा कलेक्टर के निर्देश को ठेका कम्पनी द्वारा तरजीह नहीं दी जा सकी है। लिहाजा बेतरतीब सड़क के अधुरा काम अनदेखे हादसे को न्योता दे रही है। बांध मोड़ के पास सड़क काम का नहीं होना शासन प्रशासन और ठेका कम्पनी के बीच के किसी रहस्य को अपने आप में समेटे हुए है।शायद यही वजह है कि अब तक बांध मोड़ का कार्य नहीं हो पाया है।
क्षेत्र के लोगो ने खस्ता हाल सड़क केआधे अधूरे काम और उड़ते धूल के गुबार से होने वाले परेशानी को देखते हुए जल्द काम कराये जाने ठेका कम्पनी का ध्यानाकर्षण कराया है। ताकि बांध मोड़ के पास से गुजरने वाले मुसाफिरों को राहत मिल सके।