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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा 14 अगस्त

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(शशि कोन्हेर) : आज के ही दिन 75 साल पहले अखंड भारत के दो हिस्से हुए थे। हिंदुस्तान की आजादी की सालगिरह से एक दिन पहले पीएम मोदी ने बड़ी घोषणा की है। अब हर साल 15 को स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के तौर पर याद किया जाएगा।

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‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इस संबंध में ट्वीट कर कहा कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों एवं भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर याद किए जाने का निर्णय लिया गया है।

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पीएम ने आगे कहा, “यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।”

14 अगस्त को विभाजन के बाद हुए थे दंगे

गौरतलब हो कि भारत के निवासियों ने लाखों कुर्बानियां देकर ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। लेकिन भारत की आजादी के साथ देश का भी विभाजन हुआ और पाकिस्तान अस्तित्व में आया।

दरअसल, 14 अगस्त 1947 का दिन इतिहास का एक गहरा जख्म है। यह वही दिन है, जब देश का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान अस्तित्व में आया। बंटवारे की शर्त पर भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली। इस विभाजन में भारतीय उप महाद्वीप के दो टुकड़े किये। इस बंटवारे ने बंगाल का भी विभाजन किया गया जिसमें बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया जो 1971 में बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र राष्ट्र बना।

भारत का बंटवारा सबसे खूनी घटनाक्रम का दस्तावेज बन गया। दोनों देशों के बीच बंटवारे की लकीर खिंचते ही रातों रात लाखों लोग अपने ही देश में बेगाने हो गए और मजहब के आधार पर लाखों लोग न चाहते हुए भी जानें को मजबूर हुए। इस अदला-बदली में लाखों लोगों का कत्लेआम, सदी की सबसे बड़ी त्रासदी में बदल गया। यह किसी देश की भौगोलिक सीमा का बंटवारा नहीं बल्कि लोगों के दिलों और भावनाओं का भी बंटवारा था।

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