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CJI चंद्रचूड़ को लिखी अतीक की चिट्ठी किसके पास? वकील बोला- मेरे पास नहीं है, मुझे नहीं पता उसमें क्या लिखा

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(शशि कोन्हेर) : अतीक अहमद की सीक्रेट चिट्ठी कहां है? ये बात फिलहाल रहस्य बनी हुई है। ये चिट्ठी सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखी गई थी। अतीक के वकील का कहना है कि ये चिट्ठी उसके पास नहीं है। उसे ये भी नहीं पता कि चिट्ठी फिलहाल कहां है।

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अतीक के वकील विजय मिश्रा का कहना है कि चिट्ठी किसी और के पास है। वो नहीं जानता कि वो शख्स कौन है। वो शख्स ही चिट्ठी को सीजेआई और यूपी सीएम के पास भेजने जा रहा है। अतीक ने कहा था कि ये चिट्ठी उसकी किसी हादसे में मौत या फिर हत्या के बाद दोनों जगहों पर भेज दी जाए। चिट्ठी एक सीलबंद लिफाफे में है। वकील का कहना है कि चिट्ठी दोनों जगहों पर भेजी जा रही है। ध्यान रहे कि विजय मिश्रा ने ही पहले दावा किया था कि अशरफ को एक पुलिस अधिकारी ने कहा था कि 15 दिनों में दोनों भाईयों का काम तमाम हो जाएगा।

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सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर अतीक ने लगाई थी सुरक्षा की गुहार
अतीक अहमद ने अपनी हत्या की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई थी। उसका कहना था कि उसे और उसके परिवार को उमेश पाल की हत्या के मामले में जबरन फंसाया जा रहा है। जबकि उनका इस वारदात से कोई लेना देना नहीं है। अतीक की याचिका खारिज हो गई थी।

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उमेश पाल की हत्या के मामले में अतीक और उसके परिवार के लोगों को यूपी पुलिस ने आरोपी बनाया था। उसके बेटे असद का एनकाउंटर 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस ने किया था। अतीक अपने भाई अशरफ के साथ बेटे असद को दफना के आया था। उसके कुछ घंटों बाद ही मीडिया के सामने अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सोशल मीडिया पर चल रहे फुटेज दिखा रहे हैं कि किस तरह से अतीक की वो आशंका सच साबित हुई जो उसने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी याचिका में बयां की थी। पुलिस की मौजूदगी में दोनों भाईयों को निशाना बनाया गया।

अतीक और अशरफ की हत्या को लेकर दायर PIL को सुनेगा सुप्रीम कोर्ट
उधर, अतीक और अशरफ की हत्या को लेकर एडवोकेट विशाल तिवारी ने एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को फैसला किया कि उस याचिका को सुना जाएगा। इस याचिका में यूपी पुलिस को लेकर सवाल उठाए गए हैं। रिट में कहा गया है कि यूपी पुलिस मनमाने तरीके से फैसला ऑन द स्पाट कर रही है। 2017 के बाद से इस तरह के 183 एनकाउंटर किए जा चुके हैं।

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