बिहान राखी के नाम पर वाहवाही लूट रहा प्रशासन, नाबालिग से बिकवा रहा राखी …..!
(उदय मिश्रा) : राजनांदगांव – जिले में स्वयं सहायता समूह के नाम पर सैकड़ों संस्थाएं काम कर रही है। इसमें महिलाएं अपने पैरों पर खड़े होकर पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है और अब बिहान की महिलाओं द्वारा राखिया बनाकर देश सहित विदेशों में बेची जा रही है। जिसकी वाहवाही प्रशासन ले रहा है। लेकिन वाहवाही की आड़ में नाबालिग से राखियां बिकवाने का काम कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन एवं जिला पंचायत द्वारा गत दिनों एक खबर प्रकाशित की गई थी जिसमें यह कहा गया था कि जिले की बिहान समूह द्वारा धान, बांस, गेहूं, चावल, रखिया बीज से बनी राखियां बनाई जा रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही है। बिहान समूह द्वारा बनाई गई राखियां ऑनलाइन बेची जा रही है जिसे ग्राहक खरीद भी रहे हैं। लेकिन इन सबसे के पीछे एक और ही कहानी सामने आई है । आज कलेक्टर परिसर के अंदर बिहान राखी के नाम पर लगाए गए स्टाल में नाबालिग बालिका जिसका नाम हर्षिता बताया जा रहा है, उसे काउंटर ने बैठाकर राखिया बेची जा रही है। यह सब कलेक्टर परिसर के अंदर सभी अधिकारियों के बीच किया जा रहा है।
नाबालिक से काम कराना दंडनीय अपराध : नाबालिक बच्चों से काम कराना दंडनीय अपराध है जिसके तहत काम कराने वाले मालिक के ऊपर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है लेकिन क्या समूह के ऊपर प्रशासन कार्रवाई कर पाएगा जो नाबालिग से खुलेआम कलेक्टर परिसर के अंदर राख्या बिकवा रहा है और इसका श्रेय जिला प्रशासन और जिला पंचायत ले रहा है।
कलेक्टर के मार्गदर्शन में सशक्त हो रही बिहान समूह की महिलाएं : कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर के प्रयासों से स्व-सहायता समूह की महिलाएं राखी बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है. धान, चावल, बांस, गेहूं से बनी राखियों की मांग अमेजान के माध्यम से अब देश ही नहीं विदेशों से भी होने लगी है, वहीं महिला समूह द्वारा स्टाल लगाकर भी इन राखियों को बेचा जा रहा है. इन राखियों की लोकल स्तर पर भी काफी मांग हो रही है लेकिन कलेक्टर परिसर में ही खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है और नाबालिक बच्चे से राखियां बिकवाई जा रही है।