देश की आजादी पर कंगना रनौत की टिप्पणी को शहर अध्यक्ष विजय पांडे ने बताया अपमानजनक, और कंगना पर राष्ट्रद्रोह का केस चले और पद्मश्री वापस हो..!
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के द्वारा गत दिनों ” स्वतन्त्रता की प्राप्ति को लेकर दिए गए बयान ( कि15 अगस्त 1947 को आज़ादी भीख में मिली थी। वास्तव में देश 26 2014 को हुआ) पर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडेय ने कड़ा एतराज जताया है। विजय पांडेय ने कहा कि कंगना रनौत का बयान स्वतन्त्रता सेनानी, शहीदों का अपमान है
देश को आज़ादी दिलाने में लाखों परिवार बेघर हो गए। न जाने कितनी ही बहन- बेटियां युवा अवस्था मे विधवा हो गई।बच्चे अनाथ हो गए। वृद्ध माता-पिता की आंखे पुत्र की राह देखते देखते पथरा गई ।युवाओं ने देश के लिए हंसते हंसते फाँसी को अंगीकार कर लिया। श्री विजय पांडे ने कहा कि 1857 से 1947 तक, आज़ादी की लड़ाई में लगभग 7.30 लाख सेनानियों ने अपनी जान गंवाई । तब कही जाके देश आजाद हुआ।देश के इस बलिदान को कंगना रनौत ने ” “भीख में मिली आजादी” कहकर शहीदों और उनके परिवारों को अपमानित किया है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री विजय पांडे का कहना है कि कंगना रनौत के ऊपर राष्ट्रद्रोह की धारा लगनी चाहिए क्योंकि देश के शहीदों ,सेनानियों के अपमान को बर्दाश्त नही किया जा सकता ।
विजय पांडेय ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार छोटी छोटी बातों पर देशद्रोह की धारा लगा कर लोगो जेल में ठूंस देती है। पर जिन शहीदों ,सेनानियों के कारण आज़ाद देश मे भाजपा सत्ता सुख भोग रही है। और शहीदों का अपमान भाजपा समर्थित कंगना रानौत कर रही है। उस पर केंद्र सरकार कोई कार्यवाही नही कर रही है। और अभी तक कुम्भकर्णी नींद में सोई हुई है।,ऐसा लगता है भाजपा कंगना के बयान का समर्थन कर रही है। इससे गन्दी सोच नही हो सकती।
विजय पांडेय ने कहा कि कंगना रनौत से पद्मश्री का सम्मान वापस लेना चाहिए। इसकी हकदार वो नही हैं। विजय पांडेय ने कहा 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाजपा की आदि संस्था के लोग अंग्रेजों के साथ खड़े थे, और उनके पितृ पुरुष श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ उप मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हुए थे।भाजपा कितने भी राष्ट्रवाद की बात कर ले पर सच्चाई तो भारत छोड़ो आंदोलन ही है ।