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राहुल गांधी ने ऐसा क्यों लिखा… जब नाव बीच मझधार में फंस जाए तो पतवार अपने हाथ में लेनी ही पड़ती है.. इसका मतलब तलाश रहे कांग्रेसी

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(शशि कोन्हेर) : – ऐसा लगता है कि कांग्रेस 24 साल बाद एक बार फिर से गांधी परिवार के बाहर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने जा रही है। पार्टी में ऊपर स्तर पर इसकी सरगर्मी भी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल हैं…! मसलन सभी राज्य इकाइयों के द्वारा प्रस्ताव पारित होने के बाद भी क्या राहुल गांधी अध्यक्ष बनने के लिए राजी नहीं होंगे…?

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दूसरा सवाल यह भी है कि क्या गांधी परिवार अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाने का फैसला कर चुका है..? और तीसरा सवाल… पार्टी के सांसद शशि थरूर चुनाव लड़ रहे हैं या अध्यक्ष पद का चुनाव निष्पक्ष दिखाने के लिए उन्हें चुनाव लड़ाया जा रहा है..? लेकिन इन सब से इधर फेसबुक पर राहुल गांधी के लिखे हुए एक वाक्य को लेकर कांग्रेस के नेता अपने-अपने ढंग से उसका अर्थ निकाल रहे हैं।

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राहुल गांधी ने फेसबुक पर लिखा है कि… जब नाव बीच मझधार में फस जाए तब पतवार अपने हाथ में लेनी ही पड़ती है… ना रुकेंगे..ना झुकेंगे भारत जुड़ेंगे..! इस पोस्ट को पढ़कर कांग्रेस के नेता असमंजस में हैं।

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इसका सीधे-सीधे दो मतलब निकलते हैं … एक तो यह कि राहुल गांधी इस पोस्ट में मझधार में फंसी कांग्रेस को किनारे लेने के लिए पतवार हाथ में लेने की बात कर रहे हैं। या फिर उनका इशारा लोकसभा चुनाव की ओर है.. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने राहुल गांधी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है पुनाराम उनका कहना है कि राहुल गांधी अध्यक्ष रहे या ना रहे… उनका पार्टी में प्रतिष्ठित स्थान है और वे पार्टी के स्वीकार्य नेता हैं।

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