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मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को मिलेगी राहत या बरकरार रहेगी सजा.. हाईकोर्ट आज सुनाएगा फैसला

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(शशि कोन्हेर) : मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दी गई सजा के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट शुक्रवार (7 जुलाई) को फैसला सुनाएगा। मालूम हो सूरत की अदालत ने राहुल गांधी दोषी करार देते हुए 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई थी। इसी के खिलाफ राहुल गांधी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दे दिया गया था। ऐसे में अगर कल राहुल गांधी के खिलाफ आए सूरत की कोर्ट के सजा के फैसले पर रोक लग जाती है। उनपर लगा अयोग्यता का मामला भी पलट सकता है। फ़िलहाल, कांग्रेस नेता को संसद सदस्य के रूप में 2+6 साल के लिए निलंबित हैं।

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मालूम हो कि इस मामले में राहुल गांधी को जमानत मिल गई थी। इसके बाद उन्होंने अपनी सजा के आदेश को चुनौती देते हुए 3 अप्रैल को सूरत सेशन कोर्ट का रुख किया। उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए एक अर्जी भी दाखिल की। राहुल गांधी को जमानत तो मिल गई थी, लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के उनके आवेदन को 20 अप्रैल को खारिज कर दिया गया था।

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गौरतलब है कि साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने प्रचार के दौरान अपने भाषण में कथित तौर पर कहा था, ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी ही क्यों है?’ इसको लेकर बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने सूरत की कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था।

जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?

उनके इस बयान के खिलाफ देशभर के बीजेपी कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखने को मिला था। राहुल के इस बयान के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक पूर्णेश मोदी ने एक केस दर्ज कराई थी। उन पर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया गया था।

राहुल गांधी के खिलाफ 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने केस दर्ज कराया था। सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को साल के कारावास की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने इस फैसले पर रोक लगाने के लिए सूरत की अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

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