क्या पंजाब में, चुनाव बाद सरकार बनाने के लिए.. साथ साथ आएंगे.. अकाली दल बसपा और भाजपा…?
(शशि कोन्हेर) : चंडीगढ़। पंजाब में आज 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए हुई वोटिंग के दौरान ही इस बात के पुख्ता संकेत मिलने लगे हैं कि यदि पंजाब में सरकार बनाने के लिए जरूरी हुआ तो शिरोमणि अकाली दल अपने पुराने साथी भाजपा के साथ गठबंधन कर लेगा। शिरोमणि अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल बहुजन समाज पार्टी गठबंधन सत्ता में आता है तो पार्टी चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला करेगी। श्री विक्रम सिंह मजीठिया मजीठा और अमृतसर पूर्व से चुनाव लड़ रहे हैं। अमृतसर पूर्व में उनकी टक्कर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से है। बिक्रम मजीठिया ने कहा, “मेरी लड़ाई पंजाब के लोगों के लिए है. अमृतसर पूर्व को विकास की जरूरत है. गरीब को कल्याणकारी योजनाएं नहीं मिलती हैं. ये सबसे पिछड़ा है. इस चुनाव में सच्चाई की जीत होगी. हम चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठजोड़ पर फैसला करेंगे.” कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मजीठिया ने कहा, “अहंकार हार जाएगा. लोगों ने कांग्रेस को पांच साल तक देखा है, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.”
वहीं, अकाली दल के नेता गुरबचन सिंह ने भी संकेत दिया है कि अगर पार्टी के पास संख्या कम होती है तो वह भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं. गुरबचन सिंह गुरदासपुर सीट से शिरोमणी अकाली दल के प्रत्याशी हैं. उन्होंने कहा, “हमें जीत का भरोसा है. अकाली दल-बसपा पंजाब में अगली सरकार बनाएगी. संख्या कम होने पर पार्टी भाजपा का समर्थन लेने का फैसला करेगी. ये संख्या पर निर्भर करता है, लेकिन कांग्रेस हमारी नंबर-1 राजनीतिक दुश्मन है.” गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल और बसपा ने राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया है. बसपा पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ रही है.
इधर, शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब की जनता और सीमावर्ती राज्य होने की वजह से यहां एक स्थिर सरकार होने की आवश्यकता है और कांग्रेस और आप ये नहीं दे सकती. चन्नी अपनी कुर्सी के लिए पिछले 9 महीने से लड़ रहे हैं. जहां तक आम आदमी पार्टी की बात है तो वह अपने विधायकों को भी नहीं संभाल सकते.