सऊदी सरकार ने, सुन्नी इस्लामिक आंदोलन, “तबलीगी जमात” पर क्यों लगाया प्रतिबंध…?
सऊदी सरकार ने सुन्नी इस्लामी आंदोलन तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सऊदी सरकार ने इसे आतंकवाद के द्वारों में से एक कहा है। सऊदी इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने एक ट्वीट के जरिए मस्जिद में उपदेशकों को निर्देश दिया गया है कि वे लोगों को तबलीगी जमात के बारे में आगाह करने के लिए अगले शुक्रवार को जानकारी दें। मंत्रालय ने कहा है कि इस समूह का रास्ते से भटकना और सही कार्यों से विचलित होना ही इसकी खासियत है। मंत्रालय के मुताबिक यह संगठन भले ही दावा कुछ और करें लेकिन यह आतंकवाद के द्वारों में से एक है। उपदेशकों से कहा गया है कि वे लोगों के सामने समाज के लिए इस जमात के खतरे का उल्लेख करें। तकरीबन 100 साल पहले 1926 में भारत में तबलीगी जमात (सोसायटी फॉर स्प्रेडिंग फेथ) की स्थापना हुई थी। और वह एक सुन्नी इस्लामिक मिशनरी आंदोलन है जो मुसलमानों से सुन्नी इस्लाम के शुद्ध रूप में लौटने और धार्मिक रूप से चौकस रहने का आग्रह करता है। विशेष रूप से ड्रेसिंग व्यक्तिगत व्यवहार और अनुष्ठानों के संबंध में। दुनिया भर में इसके 350 से 400 मिलीयन सदस्य होने का अनुमान है। वे सामूहिक रूप से दावा करते हैं कि उनका ध्यान केवल धर्म पर है। और वे राजनीतिक बहसों और गतिविधियों से भी बचते हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार तबलीगी जमात पत्रिका पश्चिमी यूरोप अफ्रीका और दक्षिण एशिया सहित दुनिया भर के लगभग 150 देशों में सक्रिय है। दक्षिण एशिया में खासकर इंडोनेशिया मलेशिया बांग्लादेश पाकिस्तान और थाईलैंड में तबलीगी जमात की बहुत बड़ी संख्या है।