बिलासपुर

शराब में लगे कोरोना टैक्स का पैसा कहां गया, पब्लिक को जानने का अधिकार है : हाईकोर्ट

बिलासपुर : (के शर्मा) छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डीबी ने शराब में 10 प्रतिशत कोरोना टैक्स लिए जाने व उक्त राशि को अन्य मद में खर्च किये जाने के खिलाफ पेश याचिका में शासन के जवाब पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि पब्लिक को यह जानने का अधिकार है कि उनसे लिया गया कोरोना टैक्स कहा खर्च किया गया। कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश दिया है। 20 अप्रैल को याचिका में अगली सुनवाई होगी।


विधायक अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, शिवरतन शर्मा व नारायण चंदेल ने शराब में कोरोना टैक्स लिए जाने व उक्त राशि को अन्य मद में खर्च किये जाने के खिलाफ अधिवक्ता विवेक शर्मा व गैरी मुखोपाध्याय के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका पेश की है। याचिका में कहा गया कि राज्य शासन ने मई 2020 से देसी व विदेसी दोनों ही मदिरा की बिक्री में 10 प्रतिशत कोरोना टैक्स लगाया है। इससे लगभग 658 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। शराब में लगाये कोरोना टैक्स से प्राप्त राशि का नही कोरोना उपचार के अधोसंरचना विकास पर और ना ही उक्त राशि को कोरोना के उपचार में आने वाले खर्च के लिए स्वास्थ्य विभाग को दिया गया। शासन उक्त राशि का अन्य मद में खर्च किया है। हाई कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका को सुनवाई के लिए शुक्रवार को चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी की डीबी में रखा गया। सुनवाई के दौरान शासन की ओर स्व कहा गया कि याचिका पूर्णरूप से राजनीति से प्रेरित है, इस कारण से चलने योग्य नही है व याचिका को खारिज करने की मांग की। शासन के इस जवाब से चीफ जस्टिस ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह पब्लिक का पैसा है और पब्लिक को हमने जो टैक्स दिया है वह पैसा कहा गया यह जानने का पूरा अधिकार है। इस कारण से शासन को जवाब देना ही पड़ेगा। कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 20 अप्रैल को रखने का आदेश दिया है।

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