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आज 4 मार्च को, फुल स्पीड में…विपरीत दिशा से..एक ही पटरी पर.. आमने-सामने आयेंगी दो ट्रेने…!

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(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली : स्वदेश निर्मित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली ‘कवच’ का परीक्षण 4 मार्च को सिकंदराबाद में किया जाएगा जिसमें दो ट्रेन पूरी गति के साथ विपरीत दिशा से एक दूसरे की तरफ बढ़ेंगी. रेलवे के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि एक ट्रेन में रेल मंत्री सवार होंगे, तो दूसरी ट्रेन में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मौजूद रहेंगे, लेकिन ‘कवच’ के कारण ये दोनों ट्रेन टकराएंगी नहीं.

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‘कवच’ को रेलवे द्वारा दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. ‘शून्य दुर्घटना’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में रेलवे की मदद के लिए स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली का निर्माण किया गया. कवच को इस तरह से बनाया गया है कि यह उस स्थिति में एक ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक देगा, जब उसे निर्धारित दूरी के भीतर उसी लाइन पर दूसरी ट्रेन के होने की जानकारी मिलेगी. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस डिजिटल प्रणाली के कारण मानवीय त्रुटियों जैसे कि लाल सिग्नल को नजरअंदाज करने या कोई अन्य खराबी पर ट्रेन सोता रुक जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि कवच के लगाने पर संचालन खर्च 50 लाख रुपए प्रति किलोमीटर खर्च आएगा। जबकि वैश्विक स्तर पर इस तरह की सुरक्षा प्रणाली का खर्च प्रति किलोमीटर,दो करोड रुपए है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सनत नगर शंकर पल्ली मार्ग पर सिस्टम के परीक्षण का हिस्सा बनने के लिए 4 मार्च को सिकंदराबाद पहुंचेंगे। अधिकारी ने कहा कि रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष 4 मार्च को होने वाले परीक्षण में भाग लेंगे। हम दिखाएंगे की टक्कर सुरक्षा वाली 3 स्थितियों में कैसे काम करती है। पहला आमने-सामने की टक्कर होने पर दूसरा पीछे से टक्कर होने पर और तीसरा खतरे का संकेत मिलने पर..!

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