बिलासपुर

एनटीपीसी में एसिड टैंक से निकल रही जहरीली गैस की रिसन से कौड़िया के मनोज गंधर्व की मौत, संयंत्र प्रबंधन मामले को दबाने के लिए परिवारजनों को मृतक के बच्चों की पढ़ाई समेत कई लॉलीपाप दिखा रहा

बिलासपुर – बिलासपुर स्थित एनटीपीसी सी डब्ल्यू स्टेज-2 ट्रीटमेंट प्लांट में हेल्पर का काम करने वाले कौड़िया निवासी मनोज कुमार गंधर्व की शुक्रवार की दोपहर ड्यूटी के दौरान संदिग्ध अवस्था मे मौत हो गई है। मनोज ने मौत से पहले एसिड टैंक के ढक्कन को सफाई के लिए खोला था। ठीक आधे घण्टे बाद उसी स्थान पर गिरकर उसकी मौत हो गई। मनोज को एम्बुलेंस से एनटीपीसी अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। दूसरे दिन यानि शनिवार को सीपत पुलिस ने पंचनामा किया। डॉक्टरों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम कराया। बहरहाल शव को परिजनों के हवाले कर दिया गया है।

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जानकारी के अनुसार मनोज कुमार गंधर्व नजमूल हसन के ठेका कंपनी में हैल्पर के पद पर कार्यरत था । नाम नही छापने के शर्त पर मृतक के साथी मजदूर ने बताया कि रोजाना की तरह मनोज शुक्रवार को सुबह ड्यूटी पर आया। दोपहर 2 बजे एसिड टैंक का मेन होल खोलने का परमिट मिला था। लंच करने के बाद मनोज ने टैंक खोला और जहरीली हवा से घबराकर थोड़ी दूर जाकर बैठ गया। आधे घण्टे बाद बैठे ही बैठे मनोज बेहोश हो गया। जानकारी के बाद आनन फानन में मनोज को अस्पताल भर्ती कराया। डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद एनटीपीसी प्रबंधन ने मामले को छिपाना चाहा । लेकिन कामयाबी नहीं मिली है।

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घटना के बाद मनोज की मौत की जानकारी को प्रबंधन ने दबाने का भरसक प्रयास किया। लेकिन मृतक के करीबी और परिजनो समेत प्रबंधन में काम करने वालों ने मनोज की मौत की वजह को एसिड गैस की चपेट में आना बताया है। दूसरी तरफ एनटीपीसी एचआर अधिकारियों ने घटना की जानकारी को दबाने का भरपूर प्रयास किया। लेकिन बात नहीं बनी। हो हल्ला मचने के बाद एनटीपीसी प्रबंधन दबाव में आया। मृतक के भाई ने बताया कि मनोज की मौत एसिड से हुई है। एनटीपीसी ने मृतक की पत्नी को पेंशन और दोनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च देने का वादा किया है। एक व्यक्ति को यूपीएल में नौकरी दिए जाने का आश्वासन भी दिया है।

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समझाने बुझाने का सिलसिला घंटो चला। पोस्टमार्टम के दौरान मृतक के छोटा भाई विनोद गंधर्व के साथ घटित हादसे को लेकर पूछने पर एचआर के अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। मौत से पल्ला झाडने और मामले को दबाने की नियत से एनटीपीसी अधिकारियों ने मृतक के परिवार और दोनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया।

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इस दौरान अधिकारियों और मृतक परिवार के बीच जमकर कहा सुनी भी हुई। लेकिन मामला किसी तरह शांत हो गया। एनटीपीसी ठेकेदार नजमुल हसन के कंपनी मैनेजर सुनील पांडेय ने मृतक के परिवार को मात्र 5 हजार रुपये का सहयोग दिया। इस बात को लेकर कंपनी में काम करने वाले अन्य मजदूरों ने जमकर आक्रोश जाहिर किया। आवाज को दबाने के लिए अधिकारियों ने नौकरी से हटाने की धमकी दी।

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