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खाद के लिए किसानों में हाहाकार…पूरे क्षेत्र में जमकर हो रही खाद की ब्लैक मार्केटिंग–300 रुपय प्रति बोरी की यूरिया, ब्लैक में 600 में और 11 से 12 सौ में, मिलने वाली डीएपी खाद.. ब्लैक में अट्ठारह सौ रुपए में बेची जा रही है..!

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(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – रबी फसल के लिए पूरे क्षेत्र में यूरिया और डीएपी खाद के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। बिलासपुर जिले में कई जगह सोसायटियों से खाद नहीं मिल रही है। वही कुछ व्यापारियों के द्वारा सांठगांठ कर दो से 3 गुना की दर से ब्लैक में यूरिया खुलेआम बेची जा रही है। बिलासपुर के पास प्रशासन और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के नाक के नीचे सेंदरी सहित आसपास के अनेक गांवों और समितियों वाले पंचायतों में गांव में खुलेआम ₹600 प्रति बोरी की दर से यूरिया खाद ब्लैक में बेची जा रही है।। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की अधीनस्थ सोसायटियों ने रबी फसल के लिए यूरिया और डीएपी खाद को लेकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। किसी भी सोसाइटी के क्षेत्र में किसानों को उनकी जरूरत का यूरिया और डीएपी खाद नहीं मिल रही है। सोसाइटियों में हर जगह खाद की फर्जी किल्लत बताई जा रही है। वही इसका फायदा उठाकर व्यापारियों के द्वारा जितनी भी खाद आपको चाहिए उतनी खाद डबल कीमत में ब्लैक में दी जा रही है। यहां आपको बता दें कि किसानों को खाद उपलब्ध कराने वाली सहकारी समितियों में प्रति बोरी (50 किलो) यूरिया
लगभग ₹300 में मिला करती है। लेकिन इस समय रबी फसल और साग सब्जी की खेती के लिए सहकारी समितियों के द्वारा खाद का कृत्रिम अभाव बना दिया गया है। इसके कारण खुले बाजार में खाद बेचने वाले व्यापारियों के पौ बारह हो चुके हैं। वे सरेआम ₹300 की (50 किलो वाली) यूरिया की बोरी को खुलेआम ब्लैक में ₹600 प्रति बोरी की दर से बेच रहे हैं। बिलासपुर के पास सेंदरी, कछार लोफंदी, अमतरा रमतला, गतौरी, मोहतराई, नवगंवा आदि गांव में प्रशासन की नाक के नीचे व्यापारियों के द्वारा खुलेआम ₹600 प्रति बोरी की दर से यूरिया का ब्लेक किया जा रहा है। यूरिया के साथ ही डीएपी खाद्य व्यापारियों के द्वारा ब्लैक में बेची जा रही है। सोसाइटी से 11 से 12 सौ रुपय में मिलने वाली डीएपी ब्लैक में 18 सौ में बेची जा रही है। इस समय रबी फसल और साग सब्जी की बुवाई का काम पूरे क्षेत्र में जोरों पर है। ऐसे समय में किसानों को कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों की कालाबाजारी और सहकारी समितियों द्वारा कृत्रिम अभाव बना कर खाद नहीं देने के कारण जबरदस्त तकलीफ हो रही है।यूरिया को फुटकर में ₹15 किलो तक बेचा जा रहा है। इसका मतलब साफ हुआ कि 300 रुपय की यूरिया व्यापारियों के सात सौ से आठ सौ रुपए में फुटकर में ब्लेक की जा रही है। खाद की जरूरत के ऐसे समय किसानों को सहकारी समितियों से आज नहीं दी जा रही है। समितियों का कहना है कि उनके पास खाता ही नहीं रही है। वैसे भी समितियों से प्रति एकड़ दो से चार बोरी यूरिया देने की बात कही जा रही है। लेकिन समितियों में खाद नहीं होने की आड़ में उनके द्वारा एक तरह से ब्लैक मार्केट करने वालों व्यापारियों को शह दी जा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना यह है कि निजी व्यापारियों के पास हर 4 दिन में, दो से तीन ट्रक यूरिया पहुंच रहा है। फिर सहकारी समितियों के पास खाद की कमी का रोना क्यों रोया जा रहा है..? यह समझ से परे हो। समितियों के द्वारा खाद की कृत्रिम कमी बताकर एक तरह से कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों को, किसानों को लूटने का मौका दिया जा रहा है।

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काबिले गौर है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं किसान पुत्र होने के कारण किसानों की समस्याओं और उनके संसाधनों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। धान खरीदी से लेकर खाद की आपूर्ति तक हर मामले में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं। इसके बावजूद बिलासपुर के पास सेंदरी और ऐसे ही तमाम सहकारी समितियों में खाद की कमी. कालाबाजारी करने वालों के लिए सोने में सुहागा बनी हुई है। और वे खुलेआम ₹300 की यूरिया ₹600 में और 11-12 सौ रुपए में मिलने वाली डीएपी खाद 18 सौ रुपए में ब्लैक में बेच रहे हैं। खाद की इस कमी के कारण पूरे क्षेत्र के किसान हाहाकार कर रहे हैं। हमारे द्वारा इस मामले की जानकारी कुछ दिन पूर्व जिला केंद्रीय सहकारी समिति के अध्यक्ष श्री प्रमोद नायक को एक अनौपचारिक के दौरान दी गई थी। तब उन्होंने कहा था कि सहकारी समितियों में खासकर बेलतरा विधानसभा क्षेत्र की समितियों में खाद की कमी जल्द ही दूर कर दी जाएगी। लेकिन इसके बावजूद सहकारी समितियों में खाद की किल्लत बनी हुई है। इसका फायदा उठाकर कालाबाजारी करने वाले व्यापारी हर जगह किसानों को लूट रहे हैं। आज इस बात को लेकर हमने एक बार फिर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री प्रमोद नायक (जो स्वयं किसान हैं) से बात करने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन उनका फोन नो रिप्लाई आता रहा..!

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