छत्तीसगढ़

जनजातीय एटलस जारी करने वाला छत्तीसगढ़, ओडिसा और झारखण्ड के बाद बना देश तीसरा राज्य….

Advertisement

रायपुर – विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास में आयोजित अर्चुअल कार्यक्रम में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (TRI) द्वारा तैयार की गई जनजातीय एटलस का विमोचन किया।

Advertisement
Advertisement

गौरतलब है कि जनजातीय एटलस तैयार करने के मामले में छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड के बाद देश का तीसरा राज्य बन गया है। इस जनजातीय एटलस में राज्य की जनजातियों की संस्कृति, रीति-रिवाज, बोलियों की जानकारी, जनजातीय आर्ट एवं क्रॉफ्ट, तीज-त्यौहार, नृत्य, जनजातीय पर्यटन, राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों के साथ-साथ राज्य के अनुसूचित क्षेत्र, आदिवासी उपयोजना क्षेत्र, जनजातीय आश्रम शालाएं/छात्रावास, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, प्रयास विद्यालय जैसे आधारभूत शैक्षणिक संस्थाओं की जानकारी, राज्य में प्रशासनिक इकाइयां, समुदायवार जनजातीय जनसंख्या, लिंगानुपात, शैक्षणिक स्थिति एवं राज्य में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में जानकारी का समावेश किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थिति थे।

Advertisement

एटलस में राज्य की 42 जनजातियों के संबंध में संक्षिप्त विवरण जिलेवार पर्यावास रूप रेखा इंसेट मैप के माध्यम से किया गया है। पर्यावास रूप रेखा के साथ-साथ जिलेवार प्रमुखता से निवासरत् जनजाति, वनक्षेत्र एवं विभिन्न परिस्थितिकी जानकारी प्रस्तुत की गई है। इसे चिप्स द्वारा तैयार किया गया है। एटलस में विकासखंडवार, आईटीडीपी, माडा एवं क्लस्टर्स के मानचित्र एवं तालिकाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।

Advertisement


एटलस में जनगणना 2011 संस्थान द्वारा किए गए विशेष पिछड़ी जनजातियों के आधारभूत सर्वेक्षण एवं आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की सूचनाओं को भी शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त सभी बुकलैट्स के संपादन का कार्य आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक एवं आदिम जाति विभाग की आयुक्त शम्मी आबिदी के मार्गदर्शन में किया गया है। जी.आर. शोरी उप संचालक, डॉ. अनिल विरूलकर के मार्गदर्शन में ईश्वर साहू, दीपा साईन, अंकिता कुंजाम, अमरदास, निर्मल बघेल और योगेन्द्र निषाद द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया।

इसके अलावा बैगा, गोंड, अगरिया, कंवर एवं हल्बा जनजाति से संबंधित फोटो हैण्डबुक्स के अंग्रेजी रूपांतरण का कार्य लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी, आधुनिक एवं यूरोपियन लैग्वेज विभाग के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्राध्यापक लैंग्वेज एवं डीन विभाग इंटिग्रल विश्वविद्यालय लखनऊ डॉ. एस.जैड.एच. आबिदी के सहयोग से किया गया है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button