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तालिबान ने कहा- इस्लाम के लिए लगाया महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध, अमेरिका ने चेताया

(शशि कोन्हेर) : काबुल :  तालिबान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री ने महिलाओं के विश्वविद्यालय में जाने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर अब चुप्पी तोड़ी है। निदा मोहम्मद नदीम ने गुरुवार को कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में यह फैसला लिया गया, क्योंकि वह पुरुषों और महिलाओं के बीच विश्वविद्यालयों में कोई घुलना-मिलना नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि कुछ विषयों को पढ़ाया जाना सिद्धांतत: इस्लाम के खिलाफ है।

इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान की महिलाओं को एक अंधेरे भविष्य की ओर धकेलना चाहता है। अफगानी महिलाओं को बिना कोई अवसर दिए विश्वविद्यालय में जाने से प्रतिबंधित कर दिया है। तालिबान सरकार के इस फैसले की आलोचना करने वालों में तुर्किए और सऊदी अरब पहले मुस्लिम बहुल देश हैं।

तुर्किए के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लो ने तालिबान से कहा कि वह अपना फैसला पलट दे। महिलाओं के पढ़ने में हर्ज ही क्या है। वहीं, सऊदी विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करके कहा कि अफगानी महिलाओं को उच्च शिक्षा से वंचित रखना बेहद गलत है। गुरुवार को ही इस फैसले के खिलाफ काबुल की सड़कों पर दो दर्जन महिलाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया।

इसके साथ ही कई अफगानी क्रिकेटरों ने भी तालिबान सरकार के इस फैसले की निंदा की है। तालिबान बच्चियों के स्कूल जाने पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। महिलाओं के पार्क, जिम और अन्य मनोरंजन स्थलों पर जाने पर रोक है।

इस बीच, वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि ऐसे कठोर कदम उठाकर तालिबान प्रशासन बाकी दुनिया के साथ अपने संबंध खराब कर लेगा। इन संबंधों में सुधार तभी आएगा जब वह इन प्रतिबंधों को हटा दे। अगर ऐसा नहीं किया तो उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी।

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