तालिबान : अमेरिका को उगलते बन रहा है न निगलते….
(शशि कोन्हेर) : दो दशकों तक अफगानिस्तान में अपना कठपुतली शासन चलाने वाले अमेरिका के लिए वहां के हालात दिनोंदिन और खराब होते जा रहे हैं। अफगानिस्तान के हालात अमेरिका के लिए, “ना उगलते बन रहा है ना निगलते”जैसे होते जा रहे हैं। अमेरिकी सैनिकों, नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के साथ ही उसे उन अफगानी नागरिकों को भी हिफाजत से बाहर निकालने की चिंता है, जिन्होंने अमेरिकी सेना और उसके हितों की सेवा की है। उधर तालिबान ने साफ कह दिया है कि अब वह किसी भी अफगानी नागरिक को अफगानिस्तान से बाहर जाने की इजाजत नहीं देगा। वहीं तालिबान ने अमेरिका को
यह चेतावनी भी दे दी है कि अगर उसने 31 अगस्त तक अपने सभी फौजियों को अफगानिस्तान से बाहर नहीं निकाला तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे। ऐसी ही अनेक परेशानियों से जूझ रहे अमेरिका को अपने साथी देशों की भी जली-कटी सुनना पड़ रहा है। ब्रिटेन पहले ही उससे कह रहा है कि उसे 31 अगस्त की डेडलाइन आगे बढ़ानी होगी। जर्मनी और फ्रांस का भी कुछ ऐसा ही रवैया है। वहीं तालिबान का रुख अमेरिका के लिए हर दिन के साथ और परेशानी भरा बनता जा रहा है। दरअसल अमेरिका काबू से बाहर जाते अफगानिस्तान के हालात के बीच अपने सैनिकों की सम्मानजनक वापसी चाहता था। लेकिन जैसी स्थितियां है उसमें यह संभव नहीं दिखाई देता।