सूरजपुर

रेत भंडारण के नाम पर उड़ाई जा रही नियमों की धज्जियां, ग्रामीणों में रोष…..

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भैयाथान – सूरजपुर जिले के विभिन्न विकासखंडों में रेत विक्रय के नाम पर जिस प्रकार नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है उससे यह साफ पता चलता है कि रेत ठेकेदारों के आगे शासन ,प्रशासन किस प्रकार नतमस्तक हो चुकी है । बीते 15 जून से एनजीटी के नियमानुसार स्वीकृत नदी के घाटों से रेत उत्तखनन का कार्य बंद हो चुका है। परंतु 15 जून से पूर्व जिस प्रकार रेत खनन कर बदस्तूर नदियों का दोहन किया गया उसका परिणाम आज विभिन्न स्थानों पर हजारों ट्रक रेत भंडारण के रूप में देखा जा सकता है । इस भण्डारित किये गये रेत को वर्तमान में ठेकेदार रेत माफियाओं से संपर्क कर दोगुने , तिगुने दामों में अन्य राज्यों को बेच रहे हैं। हालाकि इस प्रकार के कार्य पहली बार जिले में पहली बार संचालित नही हो रही है बल्कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद विगत वर्षों में इस प्रकार के कई मामले सामने आ चुके हैं जिसे लेकर शासन, प्रशासन की जमकर किरकिरी हो चुकी है।

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तय मात्रा से ज्यादा किया जाता है भंडारण

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जानकारों व आरटीआई कार्यकर्ताओं की माने तो खनिज विभाग द्वारा रेत खनन व भंडारण के जो नियम बनाये गये हैं उसमें एक सीमित अनुपात में रेत की खुदाई व भण्डारित स्थल पर नियमानुसार तय मात्रा में ही रेत भंडारण करने की बात कही गई है। परन्तु विभागीय अधिकारियों की उदासीन रवैया एवं सतत निगरानी के अभाव के कारण इस नियम को दरकिनार करते हुए ठेकेदार द्वारा मनमानी ढंग से नदियों से रेत निकाला जाता है और सीमित मात्रा से अधिक भंडारण किया जाता है। परिणामस्वरूप सालाना लाखों रुपए राजस्व की हानि शासन, प्रशासन को हो रही है।

यहां उड़ाई जा रही नियमों की धज्जियां

सूरजपुर जिले में दर्जनों रेत खदान आवंटन किये गए हैं । लेकिन जिन स्थानों पर खनिज विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है उनमें भैयाथान ब्लाक मुख्यालय के समीपस्थ भण्डारित रेत खदान करकोटी सहित ,प्रतापपुर ब्लाक के भैसामुण्डा व बंसीपुर रेत खदान का नाम प्रमुख है जहां रेत खनन से लेकर भंडारण तक मे नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है । और जिम्मेदार अधिकारी मुकदर्शक बनकर बैठे हैं।

विपक्षी दल भी खामोश

बात करें विपक्षी दल भाजपा के नेताओं की तो कुछ माह पूर्व सूरजपुर जिले के तमाम बड़े नेताओं सहित पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा इस रेत खनन को लेकर भैसामुण्डा में एक बड़ा प्रदर्शन कर घंटो चक्काजाम किया गया। इनके इस विरोध प्रदर्शन को देखकर ऐसा लगा मानो विपक्षी दल भाजपा रेत के नियम विरुद्ध खनन एवं अवैध कारोबार पर लगाम लगाकर ही दम लेगी । परन्तु विपक्षी दल के नेताओं के इस विरोध का असर रेत माफियाओं पर नही पड़ा और नियमों को ताक पर रख कर बद्दस्तूर रेत का कारोबार चल रहा है । यही नही विपक्ष के कुछ नेताओं पर रेत माफियाओं से साँठ-गांठ करने के भी आरोप लगने लगे हैं।

भैयाथान ब्लाक में आवंटित खदान से रेत निकालकर उसका भंडारण मुख्यालय से लगे ग्राम करकोटी में किया गया है। जहां जानकारों का कहना है कि यहां ठेकेदार द्वारा तय मात्रा से अधिक भंडारण किया गया है, यही नही ठेकेदार द्वारा ट्रकों में व्होर लोडिंग कर रेत को अन्य प्रदेशों को भेजा जा रहा है जिसके कारण शासन, प्रशासन को राजस्व की हानि हो ही रही है साथ ही सड़के भी उखड़ने लगे हैं । वहीं व्होर लोडिंग के संबंध में झिलमिली थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ने कहा कि संसाधन के अभाव में व्होर लोडिंग की जांच नही हो पाती है।

भण्डारित स्थान पर तय मात्रा में ही रेत का भंडारण किया जा सकता है,जिसके लिए बाकायदा नियम जारी किया गया है साथ ही तय मात्रा में ही ट्रकों में लोडिंग भी किया जाना रहता है। अगर इन सब नियमों का पालन ठेकेदार द्वारा नही किया जा रहा है तो इसकी जांच कर कार्यवाही की जाएगी। जी.डी. टंडन (खनि. निरीक्षक सूरजपुर)

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