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राकांपा में टूट के बाद पहली बार चाचा भतीजा के साथ मंच साझा करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

(शशि कोन्हेर) : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में टूट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राकांपा चीफ शरद पवार पहली बार 1 अगस्त को साथ नजर आएंगे। इस कार्यक्रम में चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले भतीजे अजित पवार भी शिरकत करेंगे। पुणे स्थित तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट ने सोमवार को इसको लेकर यह जानकारी साझा की।

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तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक ने कहा कि ट्रस्ट 1 अगस्त को लोकमान्य तिलक की 103वीं पुण्यतिथि पर एक पुरस्कार समारोह का आयोजन कर रहा है। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी चीफ शरद पवार को एक मंच पर लाने को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। ट्रस्ट इस दिन पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेगा, जबकि राकांपा प्रमुख शरद पवार इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे।

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रोहित तिलक ने कहा कि समारोह में जिन प्रमुख लोगों को बुलाया गया है, उनमें महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार शामिल हैं। ट्रस्टी के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। पुरस्कार ट्रस्ट के अध्यक्ष दीपक तिलक द्वारा प्रदान किया जाएगा। जिसे पहले हिंद स्वराज संघ के नाम से जाना जाता था।

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महाराष्ट्र में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए मोदी और शरद पवार के एक मंच साझा करने की संभावना महत्वपूर्ण है। क्योंकि राकांपा में विभाजन के बाद जब पार्टी के अधिकांश विधायक अजित पवार के साथ चले गए और एकनाथ-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए। ऐसे में शरद पवार ने पार्टी में भ्रष्टाचार पर अपनी पिछली टिप्पणियों के लिए बार-बार मोदी पर निशाना साधा है। क्योंकि पार्टी से अलग हुए कई विधायकों को केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में पवार ने शनिवार को एक रैली में दोहराया कि प्रधानमंत्री को अब उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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ट्रस्ट के उपाध्यक्ष हैं कांग्रेस नेता
तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक कांग्रेस के नेता हैं। रोहित कसबा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार समारोह गैर-राजनीतिक है। इसका कोई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। पीएम मोदी ने पुरस्कार के लिए अपनी सहमति दे दी है। प्रधानमंत्री पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। शरद पवार ने भी कार्यक्रम में मौजूद रहने की पुष्टि की है, जो इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। तिलक ने कहा कि इस कार्यक्रम की प्लानिंग कुछ महीने पहले ही बनाई गई थी।

इंदिरा, अटल और मनमोहन को भी मिल चुका है यह पुरस्कार
रोहित तिलक ने कहा कि यह पुरस्कार पहले भी इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह समेत अन्य प्रधानमंत्रियों को दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं को देश में उनके योगदान के लिए दिया जाता है। यह विज्ञान और सामाजिक क्षेत्र के नेताओं को भी दिया गया है, जिसमें एन आर नारायणमूर्ति, जी माधवन, डॉ. कोटि हरिनारायण, साइरस पूनावाला और प्रकाश आमटे के नाम शामिल हैं।

ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक ने कहा कि पुरस्कार में एक स्मृति चिन्ह, एक प्रमाण पत्र और 1 लाख रुपये दिया जाता है। तिलक के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री मोदी का जीवन और कार्य लोकमान्य तिलक के प्रयासों से काफी मेल खाता है’।

तिलक ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने ‘स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ का स्पष्ट आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज के सबसे कमजोर और वर्ग को साथ लेते हुए सुराज्य सुनिश्चित करने के लिए काम किया है। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की विकास की नीतियों, मानव-केंद्रित दृष्टिकोण, वित्तीय समावेशन से लेकर सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा से लेकर आवास योजना ने देश के लोगों में काफी बदलाव आया है।

कांग्रेस नेता रोहित तिलक ने कहा, ‘पिछले नौ वर्षों में भारत के विकास पथ में पर्याप्त बदलाव देखा गया है। मोदी ने भारत को कोविड वैक्सीन के उत्पादन में वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया है। उनके अथक प्रयासों से हमारे देश में अधिकतम संख्या में लोगों का टीकाकरण संभव हो सका। उन्होंने कहा कि यह जानना सराहनीय है कि 140 करोड़ आबादी वाले देश ने प्रधानमंत्री महामारी के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर वो कदम उठाया जो जरूरी था।

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