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हिंदी में स्पीच देने पर राष्ट्रपति मुर्मू ने की CJI चंद्रचूड़ की तारीफ….कहा- इससे दूसरों को प्रेरणा मिलेगी

(शशि कोन्हेर) : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार (24 मई) को झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन का उद्धाटन किया। इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद थे। इस दौरान राष्ट्रपति ने हिंदी में भाषण देने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की प्रशंसा की।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की CJI चंद्रचूड़ की तारीफ

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए हिंदी में भाषण देने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने नए भवन का उद्घाटन करने के बाद और न्याय तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करने में भाषा की भूमिका पर बात करते हुए सीजेआई की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसको देखकर बाकी जज भी इस उदाहरण का पालन करेंगे।सीजेआई ने ह‍िंदी में दिया था भाषण

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दरअसल, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उद्घाटन समारोह में ह‍िंदी में भाषण देते हुए कहा था क‍ि मुझे आशा है क‍ि आप मुझे रांची लौट आने का अवसर देंगे। नमस्‍ते जोहार। इस पर राष्‍ट्रपत‍ि द्रौपदी मुर्मू ने कहा क‍ि न्‍याय तक पहुंच का एक और पहलू भाषा है। राष्ट्रपति मुर्मू ने सीजेआई की तारीफ करते हुए कहा, “मैं भाषा की बात करती हूं लेकिन इंग्लिश में ये बोल रही हूं। मैं सीजेआई चंद्रचूड़ को धन्यवाद देना चाहती हूं क्योंकि उन्होंने आज हिंदी में स्पीच दी।”क्या बोले CJI?

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सीजेआई ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट अपना काम इंग्लिश में करते हैं। हम 6.4 लाख गांवों में रहने वाले लोगों तक पहुंच सकते हैं अगर हम अपने इंग्लिश में दिए गए फैसले को उनकी आधिकारिक भाषाओं में ट्रांसलेट करके दें। सुप्रीम कोर्ट ने AI के इस्तेमाल के साथ फैसलों के अनुवाद के इस काम को शुरू कर दिया है। हमने 6,000 से ज्यादा फैसलों को हिंदी में ट्रांसलेट किया है।”

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राष्ट्रपति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह शुरुआत की है कि कई भाषाओं में काम शुरू किया है। झारखंड में यह जरूरी है। अंग्रेजी के अलावा यहां के लोग दूसरी भाषाओं में सहज हैं। उन्होंने अधिकारियों से न्याय को और अधिक सुलभ बनाने का भी आग्रह किया, खासतौर पर झारखंड जैसे राज्य में जहां कई भाषाएं प्रचलन में हैं।

राष्ट्रपति ने अपने फैसलों को विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की प्रशंसा की। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हो रही है कि न्याय वितरण प्रणाली को अधिक सुलभ और समावेशी बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, खासकर समाज के विभिन्न वर्गों की महिलाओं के लिए

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