छत्तीसगढ़

पोटाई पुनः बने जिला वनोपज सहकारी संघ के अध्यक्ष

(शशि कोन्हेर) : कांकेर:- जिला वनोपज सहकारी संघ कांकेर के अध्यक्ष पद पर नितिन पोटाई का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। संचालक मण्डल के सभी सदस्यों ने पुनः नितिन पोटाई के ऊपर विष्वास व्यक्त किया है वे दूसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए है। उपाध्यक्ष पद पर नन्दलाल मंडावी, राज्य वनोपज सहकारी संघ के लिये प्रतिनिधि नितिन पोटाई एवं राज्य सहकारी संघ रायपुर के लिए प्रतिनिधि जिला वनोपज संघ कांकेर के पूर्व संचालक हजारी राम कुजांम का निर्वाचन हुआ है।


जिला वनोपज सहाकरी संघ कांकेर में 21 प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति है जिसमें लगभग 45000 लघुवनोपज संग्राहक परिवार जुड़े हुए है। कुछ दिन पूर्व संचालक मण्डल के 11 सदस्यों का निर्वाचन हुआ था जिसमें सहकारिता केे दिग्गज नितिन पोटाई ने नेतृत्व में सभी सदस्य कांग्रेस पार्टी केे चुने गये थे।

इन समितियों का महत्व इसलिए है क्योंकि इसके प्राथमिक सदस्य सीधे गांव से जुडे़ होते है। वनोपज का संग्रहण कार्यों में लगे हुए सदस्यों को शासन की तरफ से बहुत सारी सविधाएं दी जाती है ।
इन समितियों को हाई लाइट करने में नितिन पोटाई का महत्वपूर्ण स्थान रहा है।

वनोपज के क्षेत्र में कार्य करते हुए श्री पोटाई छत्तीसगढ़ राज्य अंलकरण 2019 ठा. प्यारेलाल सिंह पुरूस्कार से सम्मानित हुए थे। वे निरंतर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं वनोपज संग्राहक परिवारों के हित में कार्य कर रहे है। उनकी सक्रियता के कारण ही सभी संचालक मण्डल के सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ था। 

 
जिला वनोपज सहकारी संघ के इस चुनाव में संचालक मण्डल के सदस्य बनने वालों के नाम है श्रीमती सुमित्रा वट्टी, श्रीमती कौशिल्या रामटेके, जबलसिंह कुजांम, भगवान सिंह मरकाम, बालाजी नेताम, सियाराम कोसमा, हिरेसिंह हिड़को, एवं गोपीचन्द कुजांम है।

निर्वाचन पश्चात नवनियुक्त अध्यक्ष नितिन पोटाई ने कहा है कि वे  इन संस्थाओं की मजबूती के लिये कार्य कर रहे है लघु वनोपज संग्राहक परिवारों के सदस्यों की बीमा संबंधी सुविधाए, बोनस एवं उनके बच्चों को मिलने वाले छात्रवृत्ति जैसे कार्यो को प्राथमिकता से पूरा करवा रहे है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में वनोपज का कीमत संग्राहकों को मिले यहा उनका प्रयास रहा है।

उन्होंने कहा कि  छ.ग. शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वनोपज संग्राहक परिवारों को लेकर काफी संवेदनशील है इसलिए तेन्दूपत्ता के खरीदी 4000 रूपये मानक बोरा की दर से खरीदी कर  रहे है वही 65 से अधिकार लघुवनोपज की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है।

बस्तर क्षेत्र में तेन्दूपत्ता खरीदी की राशि नगद दी जा रही है आने वाले समय में भूपेश सरकार द्वारा वनोपज संग्राहक परिवारों के हित में लिया जा रहा  यह निर्णय मील का पत्थर साबित होगा।वर्तमान में   सदस्य अनुसूचित जनजाति आयोग छत्तीसगढ़ शासन में है।

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