छत्तीसगढ़

ब्रम्हानंद नेताम के मामले में ओम माथुर ने जतायी नाराजगी, नाम चयन से पहले क्यों नहीं की पड़ताल……

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(शशि कोन्हेर) : रायपुर। भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर लगे आरोप से पार्टी की काफी किरकिरी हो रही है। चुनाव में यह कितना असर करेगा,यह तो बाद की बात है लेकिन मामला राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुंच चुका है। भीतरखाने की खबर यह है कि स्वंय रायपुर प्रवास पर रहे पार्टी प्रभारी ओम माथुर ने भी तीखे तेवर दिखाए हैं। सूत्रों की मानें तो माथुर ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, आदिवासी नेता रामविचार नेताम की मौजूदगी में पूरे मामले की रिपोर्ट ली। माथुर ने कहा कि प्रत्याशी चयन से पहले सभी विवादों की पड़ताल करने की जरूरत थी। हालांकि प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने यह समझाने की कोशिश की कि कांग्रेस की ओर से मुद्दा उठाने से पहले उन्हें इस विवाद की कोई जानकारी नहीं थी।

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गौरतलब है कि कांग्रेस ने नामांकन के बाद ब्रम्हानंद के नाबालिग से दुष्कर्म के मुद्दे को उठाया और लगातार यह प्रचारित कर रही है कि भाजपा ने दुष्कर्म के आरोपी को उम्मीदवार बनायी है।वहीं ब्रम्हानंद के मुद्दे पर भाजपा लगातार यह प्रचारित करने की कोशिश कर रही है कि पाक्सो एक्ट से लेकर अन्य मामलों में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का हाथ है। वह पार्टी की छवि को प्रभावित करने के लिए झूठे मामले उठा रहे हैं, जिससे भाजपा डरने वाली नहीं है। पाक्सो एक्ट में प्रविधान है कि आरोपित को तीन दिन में गिरफ्तार करना है। कांग्रेस के आरोप अगर सही हैं, तो ब्रम्हानंद को गिरफ्तार क्यों नहीं करती है।

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