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भतीजे ने चाचा से कहा…. आप 82 के हो गए हैं.. रिटायरमेंट ले लीजिए..!

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(शशि कोन्हेर) : एनसीपी में वर्चस्व की जंग अब कड़वाहट में तब्दील होने लगी है। एनसीपी के बागी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने चाचा शरद पवार को रिटायरमेंट की नसीहत दी है। अपने समर्थन में 40 विधायकों का दावा करते हुए अजित पवार ने चाचा से साफ कहा कि उनकी उम्र 82 साल हो गई है।

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अजित पवार ने अपने भाषण में बार-बार शरद पवार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि राजनेता 25 से 75 वर्ष की आयु के बीच प्रभावी होते हैं और आपकी उम्र 82 साल हो गई है। उनकी इस टिप्पणी से साफ था कि वह चाचा को रिटायरमेंट की नसीहत दे रहे हैं।

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अजित पवार ने इस दौरान खुलासा किया कि शरद पवार 2017 में भाजपा के साथ जाने को तैयार थे। उन्होंने कहा,’2017 में भी हमारी वर्षा बंगले पर मीटिंग हुई थी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं छगन भुजबल, जयंत पाटिल के आदेश पर मैं और कई अन्य लोग वहां गए थे। वहां भाजपा के कई नेता भी थे।

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हमारे बीच कैबिनेट पोर्टफोलियो आवंटन और मंत्रियों के पदों पर चर्चा हुई। लेकिन बाद में हमारी पार्टी ने कदम पीछे खींच लिए।’ पवार ने कहा कि तब शरद पवार साहब का कहना था कि शिवसेना सांप्रदायिक पार्टी है, इसलिए उसके रहते गठबंधन नहीं कर सकते। आखिर वही शिवसेना 2019 में कैसे सेक्युलर हो गई।

डिप्टी सीएम ने दावा किया कि उनके साथ 40 से ज्यादा विधायक हैं। उन्होंने कहा, ‘सभी विधायक मेरे संपर्क में हैं। यहां तक कि वे विधायक भी जो (शरद पवार की) दूसरी बैठक में हैं।’ अजित पवार ने बुधवार को नंबर गेम में शरद पवार को हरा दिया, लेकिन फिर भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर दावा करने की लड़ाई में दो-तिहाई अंक (36 विधायक) से पीछे दिख रहे हैं। अब तक उनकी मीटिंग में 31 विधायक ही पहुंचे हैं, जबकि पार्टी पर दावे के लिए 37 की जरूरत है।

अजित पवार ने 2004 के फैसले के लिए भी शरद पवार की आलोचना की है। डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि 2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे। अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता।

अजित पवार ने मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा, ‘2004 में हमारे पास विधायकों का बहुमत था, लेकिन फिर भी हमें सीएम पद न लेने के लिए कहा गया। अगर हमें तब सीएम पद मिलता, तो महाराष्ट्र में हमेशा एनसीपी का सीएम होता।’ इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि मेरा मकसद महाराष्ट्र का सीएम बनना है ताकि राज्य के लोगों के लिए काम कर सकूं।

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