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मल्लिकार्जुन खड़गे.. दलित चेहरा, विपक्षी नेताओं से मधुर संबंध और जमीनी नेता

(शशि कोनर) : नई दिल्ली – कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रेस से बाहर होते ही कई नामों की एंट्री हो चुकी है. नामांकन के आखिरी दिन सबसे अहम माने जा रहे मलिल्कार्जुन खड़गे की एंट्री हुई. खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं और गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.

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कर्नाटक के दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खड़गे का जन्म 21 जुलाई 1942 को तत्कालीन हैदराबाद इस्टेट (अब कर्नाटक) में हुआ था.

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मनमोहन सिंह की सरकार में खड़गे रेल मंत्रालय और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

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2014 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खड़गे को लोकसभा में नेता विपक्ष नियुक्त किया था. पिछले साल उन्हें राज्यसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

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खड़गे ने 30 साल की उम्र में 1972 में सबसे पहले कर्नाटक विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
इससे पहले 1969 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा था.

2008 तक मल्लिकार्जुन खड़गे रिकॉर्ड दस बार कर्नाटक से विधायक चुने जा चुके हैं. 2009 में खड़गे गुलबर्गा सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए.

2005 से 2008 तक खड़गे कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं.


खड़गे स्कूली जीवन में कबड्डी, हॉकी और फुटबॉल के बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं.

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी समेत कई विपक्षी नेताओं से खड़गे के रिश्ते बहुत मधुर रहे हैं.

खड़गे ने वकालत की भी पढ़ाई की है और मजदूर यूनियन के नेता के तौर पर वह मजदूरों के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ चुके हैं.

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