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ताकत बढ़ने के बाद किन अफसरों पर गरम हुए केजरीवाल, पीएम को बताया पिता समान

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(शशि कोन्हेर) : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल का ऐलान किया है। सर्विसेज पर कंट्रोल मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अब उनकी सरकार अपने हिसाब से और कहीं अधिक तेजी से काम कर पाएगी।

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दिल्ली के मुख्यमंत्री ने काम ना करने वाले अफसरों के खिलाफ सख्ती की बात कही। सचिवालय में मंत्रियों के साथ बैठक के बाद मीडिया के सामने आए केजरीवाल ने जहां एलजी से आशीर्वाद लेने की बात कही तो पीएम को पिता समान बताया।

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केजरीवाल ने कहा, ‘केंद्र सरकार एक तरह से, प्रधानमंत्री पिता समान होते हैं। पिता की जिम्मेदारी होती है कि सारे बच्चों का अच्छे से पालन पोषण करें। अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है तो वह हमारे भी प्रधानमंत्री हैं। हम भी उनकी तरफ देखते हैं। चाहे बीजेपी की सरकार है किसी राज्य में, कांग्रेस की सरकार है, सभी प्रधानमंत्री को पिता की तरह देखते हैं कि कोई मुसीबत आएगी तो हमारी मदद करेगी।

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लेकिन 23 मई 2015 को आदेश पारित करके जैसे दिल्ली सरकार की पावर छीन ली गई। दिल्ली सरकार का कामकाज रुक गया, किसका फायदा हुआ। आज सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि यह गलत आदेश था, इसका मतलब तो यह था कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को फेल करना था। यह नहीं करना चाहिए। चुनाव में लड़ते हैं, जो करना है करें लेकिन चुनाव के बाद मिलकर काम करना चाहिए।’

केजरीवाल ने कहा कि 8 साल पहले आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के तीन महीने के अंदर ही प्रधानमंत्री ने एक आदेश पारित कराया कि सर्विसेज के मामले दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास नहीं रहेंगे, एलजी या केंद्र सरकार के पास रहेंगे। इसका मतलब हुआ कि दिल्ली सरकार में काम करने वाले सभी कर्मचारी आईएएस अफसर से चपरासी तक का ट्रांसफर पोस्टिंग उनकी नियुक्ति दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री हूं लेकिन यदि कोई कर्चमारी रिश्वत ले रहा है तो मैं उसे सस्पेंड नहीं कर सकता। उसका ट्रांसफर नहीं कर सकता। 8 साल तक दिल्ली के कामों को रोका गया।’ केजरीवाल ने कहा कि जानबूझकर ऐसे अफसरों को तैनात कर दिया जाता था जो काम ना करे।

उन्होंने कहा, ‘एक तरह से मेरे दोनों हाथ बांध दिए गए पीछे और नदी में फेंक दिया गया कि तैरो। यह तो ऊपर वाले का शुक्र है कि दोनों हाथ बंधे होने के बावजूद हम तैरते रहे। इन सारी कठिनाइयों के बीच दिल्ली के अंदर हम लोगों ने शानदार काम किया। हमारे पास पूरी पावर होती तो हम कितना काम कर सकते थे। आज हम सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ और जो जज हैं ।

उस पीठ में उनका तहेदिल से शुक्रिया करते हैं कि उन्होंने न्याय किया। मैं दिल्ली की जनता का शुक्रिया करता हूं कि संघर्ष में मेरा साथ दिया। आज जो इतनी बड़ी जीत हुई है वह जनता के सहयोग का नतीजा है। अब हमें बड़ा मौका मिला है कि दिल्ली का काम 10 गुना स्पीड से होगा। हमें एक ऐसा प्रशासन देना है दिल्ली के लोगों को जो जनता की जरूरतों के प्रति संवेदनशील है।’

केजरीवाल ने जल्द पूरे प्रशासनिक सिस्टम को बदलने की बात कही और बड़े पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग का ऐलान किया। उन्होंने कुछ नए पद बनाने और कुछ अनावश्यक पदों को खत्म करने की भी बात कही। केजरीवाल ने कहा,’अगले कुछ दिनों में बहुत बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा। कई कर्मचारियों और अफसरों का ट्रांसफर होगा। कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो पिछले कुछ महीनों में दिल्ली की जनता के काम रोक रहे थे, कुछ ऐसे हैं जिन्होंने मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां बंद करा दीं।

जल बोर्ड की पेमेंट रोककर पानी बंद करा दिया। ऐसे अधिकारियों को चिह्नित करके उन्हें अपने कर्मों का फल तो भोगना पड़ेगा। कुछ ऐसे लोग हैं जो काम करना चाहते हैं उन्हें मौका मिलेगा। जो भ्रष्ट हैं, काम नहीं करने वाले हैं उन्हें हटाया जाएगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि एसीबी अभी भी दिल्ली सरकार के पास नहीं है, लेकिन विजिलेंस आ गया है और भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले सरकार के पास जिम्मेदारी थी, पावर नहीं। लेकिन अब जिम्मेदारी के साथ पावर भी आ गई है।

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