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काशीपुर का चैती मेला..जहां 40 हजार से 40 लाख तक के मिला करते हैं घोड़े.. डकैत फूलन देवी और सुल्ताना भी…

उत्तराखंड काशीपुर के ऐतिहासिक चैती मेले में दो साल बाद फिर से नकासा बाजार लगाया जाएगा। मां भगवती बाल सुंदरी के ऐतिहासिक चैती मेले में लगने वाला नखासा मेले को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। चैती मेले में लगने वाले नखासा मेले को लेकर इस बार घोड़ों के शौकीन उत्साहित हैं। नवरात्र व हिंदू नववर्ष के शुरू होने के दिन दो अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। मेला एक महीने तक चलेगा।

मेले की खास बात यह है कि यहां देश की सबसे अच्छी प्रजाति के घोड़े मिला करते हैं। एक समय तो यहां के घोड़े इतने प्रसिद्ध थे कि देशभर के दुर्दांत अपराधी भी इनके कायल थे। डाकू यहां से घोड़े खरीद कर ले जाया करते थे। सुल्ताना डाकू का यहां से खास लगाव था। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि मां भगवती बाल सुंदरी उसकी कुल देवी थीं और वह हर साल यहां प्रसाद चढ़ाने के लिए आया करता था।

मेले से डाकू मान सिंह के अलावा फूलन देवी भी घोड़े खरीद कर ले जाती थीं। बताया जाता है कि चैती मेले में नखासा मेला करीब 150 साल पहले रामपुर निवासी घोड़ों के बड़े व्यापारी हुसैन बख्श ने शुरू किया था। नगर के चैती मंदिर के मुख्य पंडा विकास अग्निहोत्री बताते हैं कि मेले के साथ-साथ काशीपुर का चैती नखासा मेला भी भारत में प्रसिद्ध है।

एक समय दूर-दूर से यहां लोग मां के दर्शन करने और घोड़ा खरीदने के लिए आते थे। सुल्ताना डाकू का भी यहां काफी आना-जाना रहा है। वह मां के दर्शन करने और घोड़ा खरीदने के लिए यहां आया करता था। विकास बताते हैं कि नखासा मेला लगभग 500 से 700 साल पुराना है। मां भगवती की कृपा से इस बार भी मेला लगेगा और भक्त मां के दर्शन करने के लिए यहां पहुंचेंगे।

जानकार बताते हैं कि एक समय यहां अफगानिस्तान, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश के के व्यापारी यहां घोड़े खरीदने-बेचने के लिए आते रहे हैं।

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