बिलासपुर

यहां-वहां सब तरफ बस एक चर्चा, अमर शैलेश अटल, रामशरण, हर्षिता और धर्मजीत सिंह में से किसको टिकट मिलेगी..और किसकी टिकट कटेगी..?

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(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। बीते एक सप्ताह से प्रदेश की राजधानी रायपुर से लेकर बिलासपुर,मुंगेली रायगढ़ तखतपुर अंबिकापुर कटघोरा बेलतरा सहित हर जगह लोगों के बीच में केवल एक ही चर्चा हो रही है कि इस विधानसभा चुनाव में किसे मिलेगी टिकट..? और किसकी कटेगी टिकट..? विगत तीन चार विधानसभा चुनावों से किसी भी पार्टी की टिकट हासिल करना, चुनाव जीतने जैसा ही कठिन होता जा रहा है। किसी की भी टिकट कभी भी कट सकती है..और किसी को भी टिकट कहीं से भी मिल सकती है।

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पहले इस तरह की नौटंकी कांग्रेस में अधिक देखने को मिलती थी, जो अभी भी परंपरा के रूप में जारी है। लेकिन अंधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर टिकट वितरण की यह संक्रामक नौटंकी अब भाजपा सहित सभी दलों में शुरू हो चुकी है। चौक चौराहों और पान ठेलों में दफ्तर ऑफिस और घरों में हर जगह लोग बस यही पूछ रहे हैं कि बिलासपुर से भारतीय जनता पार्टी की टिकट किसको मिलेगी.? वही यह सवाल भी लोगों के जुबान पर है कि क्या शैलेश पांडे रिपीट होंगे या उनकी टिकट काट दी जाएगी।

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पहले बिलासपुर में भाजपा की टिकट को लेकर कोई सवाल अनुमान या चर्चा करने की जरूरत नहीं पड़ती थी। बिलासपुर से पार्टी के भीतर एकमात्र पहले और अंतिम दावेदार श्री अमर अग्रवाल ही माने जाते थे। लेकिन चुनावी मैदान में सिर्फ एक बार गोल खाने के बाद कई बार के विजेता अमर अग्रवाल को लेकर भी पहली बार लोग चटकारे लेकर चर्चा कर रहे हैं। उनकी जगह बीजेपी से टिकट लाने की संभावना वालों में कुछ लोगों के नाम भी सामने आ चुके हैं।

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ऐसा ही अनुमान पिछले विधानसभा चुनाव में अमर अग्रवाल को 10000 से भी अधिक वोटो से हारने वाले शैलेश पांडे की टिकट को लेकर भी लगाया जा रहा है। अमर अग्रवाल की तरह शैलेश पांडे की टिकट पर भी उनकी अपनी पार्टियों के कई नेताओं की गिध्द दृष्टि लगी हुई है। बिलासपुर की तरह ही बेलतरा में कांग्रेस के दावेदारों की संख्या किलो के भाव से से है।

पूर्व विधायक चंद्र प्रकाश बाजपेई के बाद भाजपा की झोली में जा चुकी सीपत बेलतरा विधानसभा सीट को इस बार फिर कांग्रेस से नए दूल्हे का इंतजार है। जबकि भाजपा में जेंटलमेट और मिलनसार विधायक श्री रजनीश सिंह की टिकट भी व्हाया केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और ब्राह्मण कोटा के नाम से काटने की उठा पटक चल रही है। इस मामले में बिल्हा के भाजपा विधायक श्री धरमलाल कौशिक कुछ राहत में है।

वहां से भाजपा की टिकट के मामले में उन्हें अकेला अमिताभ बच्चन माना जा रहा है। जबकि कांग्रेस में पुराने पराजित प्रत्याशियों से लेकर नई ताजातरीन चेहरों को दावेदार के रूप में दौड़ भाग करते देखा जा रहा है। इससे तिफरा के श्री राजेंद्र शुक्ल का बीपी ऊपर नीचे हो रहा है। हालांकि उन्हें भरोसा है कि चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन डॉक्टर चरण दास महंत के रहते उनकी टिकट कोई नहीं काट सकता।

लेकिन यह राजनीति है। इसमें जब भाजपा के कद्दावार नेता श्री अमर अग्रवाल की टिकट को लेकर लोग किंतु परंतु लग रहे हैं तो श्री राजेंद्र शुक्ला या किसी और की टिकट को लेकर शर्त लगाना मूर्खता ही होगी। चुनावी टिकट को लेकर हर विधानसभा क्षेत्र में दावेदारों की गिद्ध दृष्टि बिलासपुर जिले की तरह बिलासपुर संभाग की सभी 24 विधानसभा सीटों पर दिखाई दे रही है। अब अगर तखतपुर की बात करें तो यहां दमदार नेता श्री धर्मजीत सिंह की धमक ने कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों की चिंता बढ़ा दी है वही पिछली बार भारतीय जनता पार्टी को पहले मर्तबे तीसरे स्थान पर नीचे लाने वाली नेत्री हर्षिता पांडे और उनके समर्थक भी चिंता में पड़ गए हैं। कांग्रेस में तो शुरू से ही बड़े बड़ों को टिकट के लाले पडते रहे हैं। कब किसे टिकट मिल जाए और कब किसकी टिकट कट जाए..? इसका देश की सबसे पुरानी पार्टी में अनुमान लगाना कठिन ही रहा है। वही केंद्र और प्रदेश की सत्ता में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी को भी टिकट वितरण को लेकर विवादों के संक्रमण की बीमारी लग चुकी है। बहरहाल अभी बिलासपुर जिले व संभाग की और भी विधानसभा सीटों तथा नेताओं की चर्चा बाकी है। उन पर फिर कभी सियासी टोर्च की रोशनी मारी जाएगी। हां एक बात और… भाजपा में हल्ला है कि कई दिक्कत नेताओं के टिकट काटे जाएंगे। और जीत की संभावनाओं वाले नए कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा। अब भाजपा आलाकमान ऐसा कहे और टिकट के दावेदारों को डर ना लगे…. ऐसा कैसे संभव हो सकता है..?

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