बिलासपुर

सरकारी जमीन की सुरक्षा की बजाय सरकारी जमीन और आम रास्ते पर अवैध खुदाई करने वालों से पटवारी की सांठगांठ- हो रहा कई तरह का शक..! क्या तहसीली के अफसर भी हैं शामिल

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(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – मां महामाया मंदिर रतनपुर में ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड के आदिवासी सिपाही हरिनारायण मरावी को जमीन पर अवैध उत्खनन करने के आरोपी और सहयोगियों के द्वारा डराने धमकाने का प्रयास लगातार जारी है। होमगार्ड के सिपाही की गलती बस यही थी कि उसने आम रास्ते और सरकारी जमीन को अवैध रूप से खुदाई करने वाले रसूखदार व्यक्ति को ऐसा करने से मना किया। ‌ इस पर होमगार्ड के सिपाही को जान से मारने और उसके अधिकारियों से झूठी शिकायत कर नौकरी खा जाने की धमकी देने के बाद अब रसूखदार सफेदपोश द्वारा ग्राम कछार और अमतरा के पटवारी को अपने साथ मिलाकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

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पटवारी की मिलीभगत से उन तमाम लोगों पर दबाव डलवाया जा रहा है जिनके सरकारी जमीन पर मौजूद रास्ते की रेत माफिया के द्वारा अवैध रूप से अवैध रूप से सरेआम खुदाई की जा रही है। ग्राम लोफंदी और अमतरा के बीच राऊतराय के पास वीरेंद्र साहू नामक व्यक्ति के द्वारा मात्र एक एकड़ जमीन खरीदी गई है जबकि आरोप है कि उसके द्वारा वहां पर 3.50 से 4 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से 10 फीट गहराई तक खुदाई कराई जा रही है। । हरिनारायण मरावी के द्वारा इसकी शिकायत कोनी थाने में किए जाने के बाद उसे जान से मारने और झूठी शिकायत कर नौकरी खाने की धमकी के बाद अब पटवारी के साथ-सांठ-गांठ कर दबाव बनाया जा रहा है। ऐसी चर्चा है कि रसूखदार के द्वारा तहसील कार्यालय में भी एक दो अफसरों से सेटिंग कर ली गई है।

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ऐसा कहा जा रहा है कि सरकारी जमीन पर हो रही अवैध खुदाई के खिलाफ किसी को आपत्ति नहीं है। जबकि यह सरासर गलत और झूठ है। फिर सवाल यह भी उठता है कि सरकारी जमीन पर किसी शख्स द्वारा की जा रही अवैध खुदाई को क्या सिर्फ इस वजह से जायज और वैध मान लिया जाएगा कि उसके खिलाफ किसी को आपत्ति नही है। लेकिन इस समय स्थानीय पटवारी के साथ संदिग्ध रुप से साठ-गांठ कर काले को सफेद करने का यही धतकरम किया जा रहा है। प्रशासन और राजस्व भाग के बड़े अधिकारियों को इसमें हस्तक्षेप कर पटवारी की मिली भगत से हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगानी चाहिए।

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